
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मौसम की तरह अपना मिजाज बदलते रहते हैं। कभी कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़कर दिल्ली में उसका समर्थन न लेने के लिए अपने बच्चों की कसम सरेआम खाने वाले केजरीवाल को अब सत्ता मिलने के बाद न तो वह कसम याद है और न ही वह कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ बोलने को तैयार हैं।
दिल्ली में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए ऐन वक्त तक एड़ी चोटी का जोर लगाकर कांग्रेस के साथ जाने को आतुर अरविंद केजरीवाल के तेवर अब बदल गये हैं अब उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनावों के बाद अगर भाजपा के अलावा किसी भी दूसरे दल का प्रधानमंत्री बना तो हम उसे समर्थन देंगे। गुरूवार को पार्टी का घोषणा पत्र जारी करते हुए उन्होंने यह बात कही थी। अब उन्हें कांग्रेस सहित उन्हें किसी पार्टी से कोई गुरेज नहीं है, अब सिर्फ उनकी लिस्ट में भाजपा बची है जिसको छोड़कर वह किसी का समर्थन करने को तैयार हैं।