हाईकोर्ट ने मथुरा वृंदावन में यमुना किनारे की कछारी भूमि (खादर भूमि) पर बने निर्माणों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने मंडलायुक्त आगरा को ध्वस्तीकरण के खिलाफ दाखिल अपीलें तीन माह में निस्तारित करने का आदेश दिया है। विनोद कुमार शर्मा और अन्य की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने सुनवाई की।
याचीगण का कहना है कि खादर भूमि गांव सभा के अंतर्गत है, इसका विकास ग्राम सभा ने किया है, यहां आवासीय भवन बने हैं, जिनमें लोग रह रहे हैं। हाईकोर्ट ने मंडलायुक्त को अपीलें तय करने का आदेश दिया था, मगर मंडलायुक्त ने अपीलें मियाद बाधित होने के आधार पर खारिज कर दी। मामले के गुण दोष के आधार पर सुनवाई नहीं की गयी। कोर्ट ने मंडलायुक्त के आदेश को गलत मानते हुए रद्द कर दिया है।
प्रदेश सरकार के अधिवक्ता का कहना था कि एनजीटी ने यमुना किनारे की खादर भूमि को निर्माण से मुक्त रखने और उस पर बने निर्माण ढहाने का आदेश दिया है, इस आदेश के तहत ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। कोर्ट का कहना था कि प्राधिकरण के नोटिस के खिलाफ मंडलायुक्त के यहां अपील दाखिल है, उसका निस्तारण किये बिना ध्वस्तीकरण की कार्यवाही उचित नहीं है।