Saturday, September 21, 2024

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चुनाव बेटे लड़ रहे हैं, साख मुख्यमंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री की लग गयी है दांव पर

राजस्थान के तीसरी बार मुख्यमंत्री बने अशोक गहलोत और दो बार भाजपा की मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे की विरासत लेकर चुनाव मैदान में उतरे उनके बेटे चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन मतदाताओं के जहन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ही चुनाव मैदान में मानकर समर्थन कर रहे हैं। दोनें दिग्गजों के लाड़लों की जीत-हार पिता व मां की साख से सीधे जुड़ी हुयी है। राजस्थान में विधानसभा चुनावों के बाद लोकसभा चुनाव में यहां की राजनीति के दिग्गज माने जाने वाले कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक बार फिर अपने बेटों को आगे कर आमने सामने हैं। मुख्यमंत्री गहलोत के वैभव गहलोत जोधपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं तो वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह भाजपा की सीट पर चौथी बार झालावाड़-बारां सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  अपनी साख अलग-अलग क्षेत्रों में चुनावी लड़ाई ने राजस्थान के रण को रोचक बना दिया है। पहले केवल वसुंधरा राजे को ही अपने बेटे के लिए वोट मांगते देखा जाता रहा है, इस बार उनके साथ अशोक गहलोत भी अपने बेटे के लिए प्रचार में जुटे हैं और घर-घर व गली-गली घूमते हुए वैभव के लिए वोट मांग रहे हैं। गहलोत के बेटे वैभव गहलोत कांग्रेस के टिकट पर जोधपुर से पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे हैं, तो झालावाड़-बारां सीट से जीत की हैट्रिक लगा चुके वसुंधरा राजे के बेटे सांसद दुष्यंत सिंह चौथी बार मैदान में हैं।
भाजपा सांसद दुष्यंत सिंह ने मां की विरासत को सुरक्षित रखा है, लेकिन वैभव पहली इस चुनाव में पिता का गढ़ बचाने की जिम्मेदारी उठायेंगे। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में पक्ष में आये आंकड़े वैभ्ज्ञव के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जगा रहे हैं। जोधपुर की 8 विधानसभा सीट में से कांग्रेस छः जीती थी।
म्तदाताओं के जहन में वैभव व दुष्यंत नहीं, बल्कि गहलोत और वसुंधरा राजे ही हैं। इन जिगर के टुकड़ों की जीत-हार पिता व मां की साख से सीधी जुड़ी हुयी है, ये जीते तो श्रेय मिलेगा व हारे तो आलोचना। यह चुनाव खुलासा कर देगा कि किसकी रणनीति अधिक कामयाब रही।
दुष्यंत भले ही तीसरी बार सांसद हैं, लेकिन क्षेत्र में वे अपनी मां के प्रभाव से ऊपर नहीं उठ पाये और लोग भी राजे को ही नेता मानकर उनके पक्ष में मतदान करते हैं। यही बात वैभव गहलोत पर लागू हो रही है। झालावाड़-बारां सीट से वसुंधरा राजे पांच बार सांसद रहीं, 2003 में झालरापाटन से विधानसभा गयीं, वहीं जोधपुर सीट से अशोक गहलोत पांच बार सांसद रहने के बाद इसी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सरदार पुरा सीट से लगातार पांचवी बार विधानसभा चुनाव जीते।
वैभव का मुकाबला केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से है। अशोक गहलोत जानते हैं कि वैभव के लिए डगर काफी कठिन है। वैभव और वह अपने काम के आधार पर वोट मांग रहे हैं। इधर, शेखावत मोदी के हाथ मजबूत करने के लिए वोट मांग रहे हैं। गहलोत की सादगी के कारण लोग उन्हें ‘मारवाड़ का गांधी‘ भी पुकारते हैं। वहीं, गजेंद्र छात्र राजनीति से आरएसएस व स्वदेशी जागरण मंच से भी जुड़े रहे, उन्हें व्यवहार कुशल व जमीन से जुड़ा नेता माना जाता है।
Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels