
जिला क्षय रोग विभाग ने ब्योरा नहीं देने वाले और सर्वाधिक मरीजों की ओपीडी करने वाले ऐसे 100 डॉक्टरों को आखिरी नेटिस जारी किये हैं, फिर भी इन्होंने ब्योरा नहीं भेजा तो इनके खिलाफ गजट नोटिफिकेशन के उल्लघंन के आरोप में आईपीसी की धारा 269/270 के तहत एफआईआर दर्ज होगी। सरकार ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया है, इसके लिए सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में इलाज ले रहे मरीजों का ब्योरा निश्चय पोर्टल पर फीड किया जा रहा है। इस पोर्टल पर रजिस्टर्ड टीबी रोगियों को हर महीने 500 रूपये पोषण भत्ता दिया जा रहा है। जिला क्षय रोग कार्यालय के अनुसार निश्चय पोर्टल पर 735 प्राइवेट चेस्ट फिजिशियन रजिस्टर्ड हैं, इनमें सिर्फ 184 टीबी रोगियों की रिपोर्ट दी है, बाकी 551 डॉक्टरों ने मरीजों का ब्योरा नहीं भेजा, इनमें 100 ऐसे डॉक्टर जिनकी ओपीडी में टीबी रेगियों की भीड़ लगती है, उन्हें अंतिम चेतावनी नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है, फिर भी इन्होंने अगर ब्योरा नहीं दिया तो इनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होगी।
2017 में शुरू हुए ऐक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) के तहत घर-घर जाकर टीबी रोगियों की पहचान का अभियान शुरू हुआ, अब तक हुए सर्वे में ऐसे इलाके जहां एक एक घर में तीन-तीन टीबी रोगी हैं, इनमें टीला नंदराम सदर भट्टी क्षेत्र में 750 टीबी रेगी मिले हैं। छीपीटोला-बिजली घर क्षेत्र में 300, शाहगंज क्षेत्र में 250, यमुना पार स्थित नुनिहाई, सीता नगर, हनुमान नगर क्षेत्र में 650, देवरैठा में 250, बिचपुरी क्षेत्र में 450 मरीज मिल चुके हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार वत्स का कहना है कि टीबी रोगियों का ब्योरा पोर्टल पर फीड कराना अनिवार्य है, जिन डॉक्टरों ने ब्योरा नहीं दिया, उन्हें नोटिस भेजे गये हैं, फिर भी ब्योरा नहीं दिया तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी, 2025 तक हर हाल में देश को टीबी मुक्त करना है।