
कुत्ता काटने पर लगायी जाने वाली एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) के लिए आधार कार्ड साथ लेकर जाना होगा। मरीज को एआरवी की तीन डोज लगायी जायेगी, इन डोज का ब्योरा दर्ज किया जायेगा।
कुत्ता और बंदरों के काटने के चलते जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर घायल मरीजों की लाइन लगी रहती है। इन सभी मरीजों को एआरवी की पूरी डोज नहीं लग रही है, इससे रैबीज होने का खतरा रहता है, इसे देखते हुए सख्ती की गयी है। सीएमओ डॉ. मुकेश वत्स ने बताया कि एआरवी लगवाने के लिए आने वाले मरीजों का ब्योरा दर्ज किया जायेगा, इसमें उनका नाम, पता और पहचान के लिए आधार कार्ड नंबर लिखा जायेगा। पहली डोज किस तिथि में लगी, दूसरी डोज और तीसरी डोज किस तिथि में लगायी गयी, ये दर्ज करना होगा, जिससे मरीजों को पूरी डोज लग सके।
हर महीने जिले में 2000 एआरवी की मांग है, मगर आपूर्ति 500 एआरवी की ही हो रही है, इससे अधिकांश मरीजों को एआरवी नहीं लग पा रही है। बाजार में भी एआरवी की कमी रहती है। आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद अन्य जिलों के मरीजों को एआरवी नहीं लगायी जायेगी, मरीज अपने क्षेत्र की सीएचसी पर एआरवी लगवा सकेंगे। निजी क्षेत्र में लगाये जा रहे एआरवी पर भी नजर रखी जायेगी।