
शहर के पाइप लाइन ही नहीं बल्कि ओवर हेड टैंक भी सफेद हाथी बने हुए हैं, इतना ही नहीं यमुना पार में शुरू किये गये 16 में से आठ टयूबवेल भी बंद पड़े हैं, ऐसे में लोगों की प्यास बुझ पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है।
पानी की कमी से जूझ रहे ताजनगरी के लोगों की प्यास बुझाने के लिए बुलंदशहर के (पालड़ाफाल) से 130 किमी की पाइप लाइन डालकर गंगाजल सिंकदरा तक मंगा लिया गया, मगर जल संस्थान के इंफ्रास्ट्रेक्चर को लेकर किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिसकी वजह से पिछले छः माह से बुलंदशहर से गंगाजल आने के बाद भी लोगों के बजाए यमुना में पहुंच रहा है। करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद भी लोगों को पीने के लिए गंगाजल नहीं मिल पा रहा है। अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
आलम यह है कि शहर में आठ टंकी बनने के बाद भी आज तक शुरू नहीं हो पायी है। इसी इसी तरह से यमुना पार में आठ टयूबवेल बंद पड़े हैं। हालांकि जल संस्थान के सचिव अनवर ख्वाजा का कहना है कि एक की टयूबवेल खराब है, अगर अन्य टयूबवेल बंद मिले हैं तो जांच करायी जायेगी।
ReplyForward
|