- बहादुर प्रधानमंत्रियों के खानदान की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा का अनुभव कि मोदी ‘कायर‘ प्रधानमंत्री हैं सच है ! पांच साल में इतनी गालियां देने के बाद भी कांग्रेसी जेलों के बाहर घूम रहे हैं

आम आदमी और राजनीतिज्ञों की तो छोड़िए न्याय पालिका ने एक फैसला उनके विरूद्ध किया था तो पूरे देश में ‘आपातकाल‘ घोषित कर बहादुरी दिखायी तथा उनकी आलोचना करने वालों को एक-एक करके देश भर की जेलों में डाल दिया। यह होती है प्रधानमंत्री की बहादुरी। किसी माई के लाल में हिम्मत थी जो उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गाली दे दे, उनके खिलाफ कुछ बोल दे, कोई संवैधानिक संस्था कोई फैसला कर दे, नहीं क्योंकि वह बहादुर थीं।

अब एक और बहादुर प्रधानमंत्री देश को मिला, वह थे राजीव गांधी, उनकी मॉं इंदिरा गांधी की हत्या उनके सुरक्षा कर्मियों ने कर दी तो सुरक्षाकर्मी जिस समुदाय और जाति का था, उस पूरे समुदाय को खत्म करने के लिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। देखते ही देखते अकेले दिल्ली में दो हजार सिखों को कत्ल कर दिया गया। यह बहादुर प्रधानमंत्री थे, नरेंद्र मोदी की तरह कायर नहीं थे।
शायद इसी बहादुरी के अनुभव के आधार पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधामंनत्री नरेंद्र मोदी को ‘कायर‘ घोषित किया है और वह हैं भी और उन्होंने साबित भी किया है कि पांच साल के कार्यकाल में इतनी गालियां सुनने के बाद भी एक भी कांग्रेस के बड़े नेता को जेल नहीं भेजा। कांग्रेस के नेताओं द्वारा इतनी गालियां खाने के बाद भी किसी उन्हें आजाद छोड़ रखा है। कोई थप्पड़ मारने की कह रहा है तो कोई दुर्याधन कह रहा है, कोई नीच कह रहा है तो कोई कान पकड़कर उठक-बैठक लगवाने की बात कह रहा है। इस हिसाब से प्रियंका की बात सच लगती है। बर्दाश्त करने की इतनी क्षमता को कांग्रेसी कायरता कहते हैं।