
स्कूल जाते में बच्चों के तलवे न जलें, इसलिए शासन ने उनके लिए जूतों की व्यवस्था की, जिम्मेवार अधिकारियों ने इन नौनिहालों से ही दो-चार नहीं बल्कि जूतों के 46 बोरे ढुलवा दिये। तपती दोपहरी में स्कूल से करीब दो सौ मीटर दूर से बच्चे गिरते-पड़ते जूतों के बोरे ढोते रहे। टूंडला का यह वीडियो वायरल होने पर शिक्षा विभाग में खलबली मच गयी।
अप्रैल से शुरू हुए शिक्षण सत्र में जूतों का वितरण होना है। शुक्रवार को ब्लॉक संसाधन केंद्र टूंडला में टूंडली क्षेत्र के 23 स्कूलों के लिए 46 बोरों में जूते पैक किये गये थे, लोडिंग टेंपो से इन्हें रामलीला मैदान स्थित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल भेजा गया, इसकी जिम्मेवारी सहायक ब्लॉक समन्वयक श्रीमती अनुपम सिंह की थी।
टेंपो वाला बोरे स्कूल ग्राउंड में डालकर चला गया, इसके बाद स्कूल के बच्चों को ढुलाई के काम में लगाया गया। ढुलाई के लिए बच्चों से कई फेरे लगवाये गये, यह वीडियो किसी खिड़की से बनाया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद पाठक से इस संदर्भ में बात करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने शहर से बाहर होने की बात कहकर कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। वायरल हुए वीडियो पर प्रभारी जिलाधिकारी फिरोजाबाद ने जांच के आदेश दिये हैं और बेसिक शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट तलब की है।
ब्लॉक सह समन्वयक दिलीप कुमार ने कहा कि हमने तो गोदाम से जूते एनपीआरसी टूंडली अनुपम सिंह को दे दिये थे, उन्होंने कैसे स्कूल तक पहुंचाये उन्हें नहीं पता। एनपीआरसी टूंडली व प्रधानाध्यापक उप्रावि टूंडला अनुपम सिंह ने कहा कि जूते ढो रहे बच्चे हमारे स्कूल के नहीं हैं, किसी ने साजिश की है, जांच में सब साफ हो जा