लोकसभा चुनावों के चक्रव्यूह का आखिरी व सातवां द्वार तोड़कर देश की संसद में पहुंचने के लिए राजनैतिक योद्धा तैयारियों में जुट गये हैं। चुनावी चक्रव्यूह के सातवें और आखिरी द्वार को भेदने के लिए अंतिम चरण की 59 लोकसभा सीटों पर महासंग्राम छिड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश में भाजपा का किला बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छः रैलियां करेंगे, साथ ही अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में मोर्चा संभालेंगे।
सातवें व अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है, जिसमें प्रधानमंत्री की सीट वाराणसी शामिल है।
अंतिम चरण की 8 राज्यों की 59 सीटों के लिए सभी दलों ने ‘अभी नहीं तो कभी नहीं‘ की तर्ज पर कमर कस ली है। भाजपा के सामने जहां पुराना प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है, वहीं कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के सामने भाजपा की ताकत घटाकर उसे सत्ता से दूर रखने की। बीते चुनाव की बात करें तो इनमें से प्रभाव वाले छः राज्यों की 37 में से 35 (जदयू की 1 सीट समेत) सीटें जीतकर राजग ने चुनावी बाजी अपने नाम की थी।
जहां तक भाजपा का सवाल है तो उसकी चिंता यही प्रभाव वाले राज्य हैं। बीते चुनाव में पार्टी की यूपी की सभी 13, हिमाचल प्रदेश की सभी 4, चंडीगढ़ की इकलौती, मध्य प्रदेश की सभी 8, झारखंड की 3 में से 1, बिहार की 8 में से 7 (जदयू की 1 सीट छोड़कर) सीटों पर कब्जा जमाया था। राजग को पंजाब की 13 में से 5 (4 सहयोगी अकाली दल) की सीटें हाथ आयीं थीं, जबकि पश्चिम बंगाल की सभी 13 सीटों पर टीएमसी ने कब्जा जमाया था।
यूपी समेत प्रभाव वाले सभी राज्यों में पार्टी का किला बचाने खुद पीएम मोदी मैदान में होंगे। इस कड़ी में पीएम यूपी में अंतिम चरण के लिए 6 रैलियों के साथ अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी डेरा डालेंगे, इसके अलावा पीएम मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और पंजाब पर भी अपना ध्यान केंद्रित करेंगे। खासतौर से पश्चिम बंगाल में भाजपा को अपनी सीटें बढ़ने का अनुमान है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अंतिम चरण में पीएम की रैलियां इस हिसाब से करायी जायेंगी, जिससे सभी संसदीय क्षेत्र कवर हो जायें।
आखिरी चरण में पीएम मोदी के अलावा दो केंद्रीय मंत्रियों मनोज सिन्हा और अनुप्रिया पटेल के भी भाग्य का फैसला होना है। मनोज सिन्हा वाराणसी से सटी गाजीपुर व अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। वाराणसी व चंदौली जिले को मिलाकर बने चंदौली से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय मैदान में है। ये सभी 2014 में भी चुने गये थे। गोरखपुर में भोजपुरी स्टार रवि किशन, देवरिया में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी लड़ रहे हैं। रमापति के बेटे शरद त्रिपाठी 2014 में संत कबीरनगर से सांसद चुने गये थे, एक विधायक को जूते मारने के बाद उनका टिकट काट दिया। संत कबीरनगर से भाजपा ने गोरखपुर उपचुनाव में सपा के सांसद चुने गये प्रवीण निषाद को उम्मीदवार बनाया है। कुशीनगर में पूर्व मंत्री आरपीएन सिंह मैदान में हैं।