Saturday, September 21, 2024

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सहारनपुर में व्यापारी के घर डकैती डालने वाले आगरा जीआरपी इंस्पेक्टर ललित त्यागी सहित तीन गिरफ्तार  

उत्तर प्रदेश पुलिस की साख एक बार फिर सवालों के घेरे में है। ताजा मामला सहारनपुर का है। गेहूं व्यापारियों से हुई नौ लाख की डकैती का पुलिस ने राजफाश कर दिया। आगरा से जीआरपी इंस्पेक्टर ललित कुमार त्यागी सहित तीन को डकैती डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके कब्जे से करीब पांच लाख रुपये बरामद किए हैं। डकैती डालने वालों में जीआरपी आगरा के दो सिपाही तथा टैक्सी चालक भी शामिल थे।

मंगलवार को पत्रकार वार्ता करते हुए एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि उमाही गांव के निकट गेहूं व्यापारी किराए पर रह रहे थे। सोमवार तड़के पुलिस की वर्दी में बदमाश आ धमके और कई व्यापारियों से नौ लाख रुपये की लूट की गई। पुलिस ने जांच शुरू की तो सहारनपुर-मुजफ्फरनगर बॉर्डर पर रोहाना टोल प्लाजा के सीसीटीवी में आरोपितों की गाड़ी कैद हो गई। यह गाड़ी तड़के 3:18 बजे गुजरी थी। पीडि़त गेहूं व्यापारी अख्तर ने आगरा के बशीर पर डकैती में शामिल होने का शक जताया था।

एसओ नागल के नेतृत्व में स्वाट व सर्विलांस टीम रात को आगरा पहुंच गई। यहां बशीर हाथ लग गया। आगरा में ही उससे पूछताछ हुई तो उसने राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर तैनात इंस्पेक्टर ललित कुमार त्यागी (जीआरपी कंट्रोल रूम इंचार्ज) व इंस्पेक्टर के साथी सुभाष शर्मा निवासी गौधला थाना जगदीशपुर आगरा को पकड़वा दिया। इंस्पेक्टर के कब्जे से चार लाख 94 हजार 500 रुपये बरामद हुए।

एसएसपी ने बताया कि डकैती डालने में इंस्पेक्टर के साथ जीआरपी आगरा का सिपाही शायर वेग व ङ्क्षरकू भी यहां आए थे। ये दोनों टैक्सी चालक छोटू के साथ फरार हैं। डकैती के बाकी रुपये भी इन तीनों के पास ही हैं। पीडि़त गेहूं व्यापारी मोहम्मद अख्तर, अकरम आदि बिजनौर के थाना कोतवाली नगर के मंडावली गांव के रहने वाले हैं। डकैती में पकड़ा गया बशीर खान पुत्र अफसर खान मूल रूप से बिजनौर का ही रहने वाला है। वह कई साल से आगरा के थाना सदर बाजार के शहीदनगर में रह रहा है। इंस्पेक्टर ललित कुमार त्यागी पुत्र ऋषिदेव त्यागी गांव करौदा चौधर थाना कोतवाली देहात बिजनौर का ही रहने वाला है। ललित कुमार त्यागी की 12 वर्ष पूर्व मृतक आश्रित कोटे में पुलिस सेवा में दारोगा के पद पर नियुक्ति हुई थी।

बशीर व इंस्पेक्टर ललित के बीच पिछले कई सालों से दोस्ती है। बशीर अवैध धंधे करने वालों की तलाश में रहता है और इंस्पेक्टर के साथ उन्हें रौब में लेकर रुपये ऐंठता था। नागल की घटना के लिए इंस्पेक्टर को बताया था कि गेहूं व्यापारियों के पास से 20-25 लाख रुपये मिल जाएंगे। यह ब्लैकमनी होगी। रुपये जाने पर वे शिकायत भी नहीं करेंगे।

इंस्पेक्टर ललित त्यागी व फरार दोनों सिपाही बर्खास्त होंगे। डीजीपी कार्यालय ने तीनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि इंस्पेक्टर ललित व फरार सिपाही ङ्क्षरकू व शायर वेग के खिलाफ डकैती की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। ललित को देवबंद कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट बनाकर एसएसपी जीआरपी व मुख्यालय को भेजी जा रही है। इससे तीनों के निलंबन से लेकर बर्खास्तगी की कार्रवाई होनी है। आरोपित ललित त्यागी जिले के करौंदा चौधर गांव निवासी है। बारह साल पहले हेड कांस्टेबल पिता ऋषि देव त्यागी की मौत के बाद ललित त्यागी को मृतक आश्रित कोटे से पुलिस विभाग में दारोगा के पद पर नौकरी मिली थी। परिजनों का दावा है कि उसे बेहतर सेवा के लिए पुलिस विभाग से पुरस्कार भी मिल चुका है।

नागल डकैती में पकड़े गए इंस्पेक्टर से पहले बीती नौ मार्च को लखनऊ में कोयला व्यापारी के यहां डकैती में भी दो दारोगा पकड़े गए थे। करीब चार साल पहले सहारनपुर में होटल शेर-ए-पंजाब पर खाना खाने के बाद बिल देने को लेकर नशे में धुत सिपाही से होटल संचालक की कहासुनी हो गई थी। इसी गुस्से में सिपाही कपिल मलिक ने संचालक भोला व नौकर हिटलर की हत्या कर दी थी। उसे पिछले दिनों ही अदालत से सजा हुई है। अब वर्दी की आड़ में डकैती जैसी वारदात ने एक बार फिर पुलिस की साख पर बट्टा लगा दिया है।

कुछ ही दिन पहले बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक को एक ट्रेडिंग कंपनी के संचालकों से 65 लाख रुपये वसूलने के मामले में संलिप्तता पाए जाने पर निलंबित किया गया था। ट्रेडिंग कंपनी के संचालकों ने साइबर सेल प्रभारी दारोगा अनूप यादव पर रुपये वसूलने का आरोप लगाया था। इस प्रकरण में दारोगा अनूप यादव और सिपाही की भूमिका के अलावा एसपी डॉ. सतीश कुमार की भूमिका पर सवाल उठे थे। लखनऊ पुलिस ने जांच में निलम्बित दरोगा अनूप को दोषी पाते हुए सोमवार को जेल भेज दिया था।

कानपुर एसटीएफ की काली करतूत भी उजागर हो चुकी है। विदेशी मुद्रा की बरामदगी के मामले में लखनऊ एसएसपी कलानिधि नैथानी की जांच में एसटीएफ में तैनात सीओ, इंस्पेक्टर व सिपाही अवैधानिक कृत्यों में संलिप्त पाए गए थे। वहीं तत्कालीन इंस्पेक्टर बंथरा की लापरवाही उजागर हुई थी। पीड़ित की तहरीर पर बंथरा थाने में एसटीएफ के सीओ विजय प्रताप सिंह, इंस्पेक्टर जैनुद्दीन, सिपाही राकेश और बंथरा थाने के तत्कालीन प्रभारी बृजेश सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी।

घटनाक्रम के अनुसार एसटीएफ की कानपुर यूनिट को विदेशी मुद्रा की तस्करी की गोपनीय सूचना मिली थी। चार मार्च को एसटीएफ के सीओ, इंस्पेक्टर व सिपाही ने लखनऊ एयरपोर्ट के पास से कानपुर के दलेलपुरवा निवासी सलाउद्दीन को पकड़ा था। सलाउद्दीन के पास से विदेशी मुद्रा मिलने का दावा किया गया था। एसटीएफ पहले उसे बंथरा थाने ले गई थी और फिर कानपुर। कानपुर से सलाउद्दीन एसटीएफ की अभिरक्षा से भाग निकला था। इस बीच दिल्ली निवासी लुकमान ने एसटीएफ पर 34 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा लूट लेने का आरोप लगाया और एक वीडियो वायरल कर दिया। मामला बढ़ता देख एसटीएफ ने बरामद विदेशी मुद्रा कानपुर में दाखिल करा दी थी।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels