
19 जून 2018 को कोचांग गांव में स्थित मिशनरी स्कूल में मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता के लिए नाटक किया जा रहा था, नाटक दल में पांच महिलाएं भी शामिल थीं जिनका अपहरण करने के बाद उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, उन्हें गंभीर रूप से शारीरिक यातनाएं दीं गयीं और सिगरेट से भी दागा गया। इस मामले में 22 जून 2018 को रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी। फादर अल्फोंस 14 मार्च से जमानत पर था, सात मई को उसकी जमानत रद्द करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था, सजा पाये अन्य अभियुक्त पहले से ही जेल में है।
झारखंड के खूंटी जिला स्थित कोचांग में पिछले साल 19 जून को नुक्कड़ नाटक करने गयीं पांच महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में षड्यंत्रकारी फादर अल्फोंस आइंद, उत्प्रेरक जॉन जुनास तिडू, बलराम समद और मुख्य अभियुक्त जुनास मुंडा, बाजी समद उर्फ टकला और अजूब सांडी पूर्ति को खूंटी एडीजे राजेश कुमार की अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, इसके साथ ही सभी पर डेढ़-डेढ़ लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की राशि पीड़िता को दी जायेगी, अदालत ने 225 पेज में फैसला सुनाया है।
अदालत ने कहा, महाभारत में कहा गया है कि दंड ही ऐसी व्यवस्था है, जिससे समाज को नियंत्रित किया जा सकता है, इसी के कारण अंधेरे में भी अपराध करने वाला व्यक्ति भयभीत होता है कि अगर पकड़े गये तो दंडित किये जायेंगे, इस मामले में अभियुक्तों ने इस तरह का जघन्य अपराध करते हुए रूल ऑफ लॉ को चैलेंज किया है, यह क्षमा योग्य नहीं है।