
बीते लोकसभा चुनाव से पहले पीएम पद का उम्मीदवार बनने के बाद ताबड़तोड़ रैलियों से भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बार मुख्य रूप से तीन राज्यों
उत्तर प्रदेश, प. बंगाल और ओडिशा में अपना ध्यान केंद्रित किया। बुधवार तक पीएम की 140 जनसभाओं में से 60 जनसभाएं इन्हीं तीन राज्यों में हुयी। बीते चुनाव से पहले पीएम पद का उम्मीदवार बनने वाले मोदी ने तब 15 सितंबर 2013 से 10 मई 2014 तक 437 रैलियों को संबोधित किया था। इस बार पीएम ने जनवरी महीने से बुधवार तक 240 रैलियां, दो रोड शो और एक ट्रेडर्स सम्मेलन को संबोधित किया।

बीते लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रचार खत्म होने तक पीएम ने 437 रैलियों के जरिए पार्टी की प्रभाव वाली सभी सीटों पर रैलियां की थीं, उनकी रैली की शुरूआत सितंबर 2013 को हरियाणा के रेवाड़ी से शुरू होकर 10 मई 2014 को बलिया में खत्म हुयी थी, तब पीएम ने सिर्फ यूपी में 79 रैलियां की थीं, इसके अलावा चाय पर चर्चा, थ्री डी रैलियां जैसे मोदी केंद्रित 5827 कार्यक्रम हुए थे और इस दौरान पीएम ने तीन लाख किलोमीटर की यात्रा की थी।
उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा की 143 सीटें पार्टी के लिए बेहद महत्व पूर्ण हैं। यूपी में जहां बेहतर प्रदर्शन के बिना दिल्ली का द्वार नहीं खुलेगा, वहीं पश्चिम बंगाल और ओडिशा की कुल 63 में से पार्टी के पास महज 3 सीटें हैं, यही कारण है कि पीएम ने यूपी में 35, प. बंगाल में 17 और ओडिशा में 8 रैलियों को संबोधित किया।
दिसंबर में पांच राज्यों के नतीजे आने और इसमें तीन स्वशासित राज्य गंवाने के बाद से ही पीएम ने प्रचार की कमान संभाली थी। जनवरी महीने से 10 मार्च को अधिसूचना जारी होने तक पीएम ने 100 रैलियां की थीं, पार्टी ने प्रचार खत्म होने तक 250 रैलियां कराने की रूपरेखा तभी तैयार कर ली थी।