आगरा उत्तर विधानसभा उपचुनाव के मतदान में जिला प्रशासन की खानापूर्ति एंव अनावश्यक प्रतिबंधों ने मतदाताओं को नाराज कर दिया और मतदाता मतदान केंद्रों से बड़ी संख्या में वापस चले गये। मतदान केंद्रों पर पहुंचने वाले मतदाताओं के साथ तैनात सुरक्षाकर्मियों एंव अधिकारियों द्वारा मोबाइल के साथ प्रवेश करने पर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया था और मतदान केंद्रों को लेकर मोबाइल के साथ पहुंचे मतदाताओं के मोबाइल जमा कराये जाने लगे तो मतदाता नाराज हो गये और सुरक्षाकर्मियों के साथ नोंक-झांक के बाद वापस बिना वोट डाले जाते रहे।
तपती दोपहर में मतदान केंद्रों पर पहुंचे मतदाताओं का उत्साह उस समय भंग हो गया जब उन्हें वोट डालने के लिए इसलिए अंदर नहीं जाने दिया कि उनके पास मोबाइल हैं। राधाबल्लभ इंटर कॉलेज, दयालबाग, मतदान केंद्र पर सुरक्षाकर्मियों ने कई वृद्ध लोगों का मोबाइल अपने पास रखने के लिए कहा, जिस पर वह तैयार नहीं हुये तो उन्हें वोट डालने के लिए अंदर नहीं जाने दिया गया। सुरक्षाकर्मियों से पूछा गया तो उनका कहना था कि जिलाधिकारी, आगरा का आदेश है कि कोई भी मतदाता मोबाइल के साथ मतदान केंद्र में नहीं घुसने दिया जायेगा, इसलिए वह जिलाधिकारी के आदेश का सख्ती से पालन कर रहे हैं। इस मतदान केंद्र पर कई बार मोबाइल को लेकर नोक झांक हुयी और लोग जिनके साथ कोई नहीं आया था, वह बिना वोट डाले ही वापस जाते रहे।
इसी तरह सनलॉवर स्कूल मतदान केंद्र पर तो बाकायदा ब्लैकवोट पर लिखकर टॉंग दिया गया था कि मोबाइल के साथ मतदाताओं को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। मतदान केंद्रों पर कई किलोमीटर से धूप में आये मतदाता इस स्थिति से नाराज दिखे और उन्होंने व्यवस्था को कोसते हुए बिना वोट डाले वापस चले गये।
इसी तरह कमला नगर के सरस्वती शिशु मंदिर मतदान केंद्र पर यही हाल था, बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले इस मतदान केंद्र पर गिने-चुने मतदाता ही बूथों पर पहुंच रहे थे, अधिकांश बूथ खाली पड़े हुए थे, सन्नाटा था। मोबाइल के साथ प्रतिबंध लगाने के संदर्भ में जिलाधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन उनके कार्यालय द्वारा बताया गया है कि मोबाइल के साथ मतदान केंद्र पर केंद्रीय चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक के अनुरोध पर प्रतिबंध लगाया गया था और वह इस प्रकरण को दिखवा रहे हैं। भाजपा के बूथ प्रबंधन की भी पोल खुल गयी, कोरी कागजी हवाई बातें साबित हुयीं और सिर्फ मीडिया में छपने तक बूथ प्रबंधन सीमित रहा, कहीं किसी बूथ पर बूथ प्रबंधक मतदाताओं को घरों से निकालने में नाकामयाब रहे। आगरा विधानसभा का 36.25 फीसदी मतदान 5ः00 बजे तक दर्ज किया गया था, जिसने चुनाव मैदान में डटे सभी 12 प्रत्याशियों के चेहरों की हवाईयॉं उड़ा दी हैं। प्रत्याशियों ने दावा किया है कि प्रशासन के द्वारा अनावश्यक मोबाइल प्रतिबंध लगाने के कारण दस हजार से अधिक मतदाता मतदान केंद्रों से बिना वोट डाले वापस चले गये हैं। एक तरफ रविवार का दिन दूसरी तरफ तपती दोपहर भीषण गर्मी ने मतदाताओं की दिलचस्पी और कम कर दी।
जयराम बाग, दयालबाग के मतदाता वंश नारायण ने मोबाइल के साथ मतदान केंद्र पर मतदान से रोके जाने पर सुरक्षाकर्मियों से सवाल किया कि मतदान केंद्र के अन्दर वोट डालते हुए नेताजी के फोटो खींचे जा रहे हैं और मतदाता अपने कीमती मोबाइल को भी अपनी जेब में नहीं ले जा सकता, यह किस तरह की चुनाव आयेग की व्यवस्था है और जब सुरक्षाकर्मियों ने जिलाधिकारी के आदेश का हवाला दिया तो वह भड़कता हुआ बिना वोट डाले वापस चला गया।
उत्तर विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने आगरा आकर राधा बल्लभ मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला और कहा कि आने वाली राजनीति झूठ और पाखंड करने वालों का सफाया करेगी। राजबब्बर ने प्रधानमंत्री मोदी की गुफा साधना को कोरी एक्टिंग बताया है। उन्होंने कहा कि तीन साल मैंने एक्टिंग सीखने में बर्बाद किया, नरेंद्र मोदी से एक्टिंग सीखता तो बेहतर अभिनेता बन जाता। उन्होंने कहा कि 23 मई की मतगणना के बाद भाजपा का सफाया हो जायेगा।
आगरा उत्तर विधानसभा से भाजपा विधायक जगन प्रसाद गर्ग के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया गया है। इस उपचुनाव में 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। आगरा लोकसभा सीट के लिए चुनाव 18 अप्रैल को सम्पन्न हो चुका है।
आगरा उत्तर विधानसभा उपचुनाव में मतदान का खेल बिगड़ा, प्रशासन के मोबाइल पर रोक-टोक से भड़के मतदाता, बड़ी संख्या में नहीं किया मतदान
