लोकसभा चुनाव 2019 के एग्जिट पोल के नतीजों को देखकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी पार्टी के नेताओं खबर लेना शुरु कर दिया है । सबसे पहले गाज पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय गिरी है उन्हें पार्टी के सभी पदों से उन्हें हटाकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बसपा के पूर्व मंत्री एवं विधायक रामवीर उपाध्याय को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल गौतम ने यह कार्रवाई की है। रामवीर उपाध्याय पर लोकसभा चुनाव में अलीगढ़, आगरा, फतेहपुर सीकरी समेत कई सीटों पर पार्टी का विरोध करने का आरोप लगाया गया है। खास बात यह है कि बसपा के कद्दावर नेता को मुख्य सचेतक पद से भी हटा दिया गया है। अब वह बसपा के किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकेंगे।
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती के पुराने सिपाहसलार रहे रामवीर उपाध्याय को लगभग बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी महासचिव मेवालाल गौतम ने रामवीर उपाध्याय को लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल न होने की हिदायत दी थी, लेकिन रामवीर ने आगरा, फतेहपुर सीकरी, अलीगढ़ समेत कई सीटों पर खड़े किए गए पार्टी प्रत्याशियों का अंदरखाने विरोध किया और विरोधी पार्टी के प्रत्याशियों का समर्थन किया।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल गौतम द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार रामवीर उपाध्याय को तत्काल पार्टी से निलंबित किया जाता है और विधानसभा में बसपा के मुख्य सचेतक पद से भी हटाया जाता है। अब वह पार्टी के किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे।
राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल गौतम ने लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बसपा के पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय ने बताया कि मुझे इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है और न ही अभी तक कोई पत्र मिला है। पत्र मिलने के बाद ही वह कुछ बोलेंगे।
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