प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसे जनादेश के बाद देश में अब सिर्फ दो जातियां रहने वाली हैं, पहली जाति उन गरीबों की है जो गरीबी से बाहर आना चाहते हैं, दूसरी जाति उन लोगों की है जो गरीबी से मुक्त कराना चाहते हैं। इन दो जातियों के साथ अब देश के सपने को पूरा करने का वक्त आ गया है, यह चुनाव 21वीं सदी की मजबूत नींव के लिए है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को भाजपा मुख्यालय में लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के लिए 130 करोड़ जनता को नमन किया। कार्यकर्ताओं के गगनभेदी नारों के बीच उन्होंने कहा कि यह विजय मोदी की नहीं ईमानदारी के लिए तड़प रहे आम लोगों की विजय है। आजादी के बाद यह पहला चुनाव है जब धर्मनिरपेक्षता का नकाब उतर गया है, यह पहला चुनाव है जब महंगाई और भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं रहा। राजनीतिक पंडितों को अब अपने सोचने का तरीका बदलना होगा, यह 21वीं सदी का भारत है और यह नये युग का चुनाव है।
उन्होंने कहा कि यह जनादेश नये भारत के निर्माण के लिए मिला है। यह चुनाव कोई पार्टी या राजनीतिक दल नहीं लड़ रहे थे, यह चुनाव जनता लड़ रही थी, 40 से 42 डिग्री की गर्मी में जिस तरह से लोगों ने बाहर निकलकर मतदान किया, वह अपने आप सब कुछ बयां कर देता है। साथ ही यह जीत उस मां की है जो सम्मान बचाने के लिए एक शौचालय को तरस रही थी। यह विजय उस मरीज की है जो पैसे की कमी के चलते अपना इलाज नहीं करवा पतो थे, यह देश का पेट भरने के लिए खुद को भूखे रहने वाले किसान और 40 करोड़ असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की है जिसे अपने वजूद का ही भान नहीं था, यह विजय उस मध्यमवर्ग की है जिसे अब पता है कि उसके टैक्स का दिया पैसा सही जगह जा रहा है।
पीएम ने कहा कि देशवासियों ने इस फकीर की झोली पर भी है तो वह उनसे तीन बातें कहेंगे कि वह बदनीयत और बदइरादे से कोई काम नहीं करेंगे, काम करते करते गलती हो सकती है लेकिन वह बदनीयती नहीं होगी, अनजाने में हुयी गलती को कसौटी पर कसते रहना, कमी रह जाये तो कोसते रहना, लोगों ने इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है, वह अपने लिए कुछ नहीं करेंगे, उनके समय का पल पल, शरीर का कण कण देशवासियों के लिए होगा।