Wednesday, July 03, 2024

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163 महाविद्यालयों की मान्यता रद्द करने का नोटिस

प्रशिक्षित शिक्षक तैयार करने वाले महाविद्यालयों के खुद के पास नहीं हैं प्रशिक्षित शिक्षक और चला रहे हैं बीएड के पाठ्यक्रम। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के ऐसे 200 महाविद्यालयों पर अपनी नजर टेड़ी कर दी है। एनसीटीई के बाद विश्वविद्यालय से मान्यता लिये हुए ऐसे 163 बीएड कालेजों को मान्यता रद्द करने का नोटिस विश्वविद्यालय ने भी जारी कर दिया है। ये ऐसे महाविद्यालय हैं जहां बीएड के पाठ्यक्रम की मान्यता तो ले ली गयी है बड़ी संख्या में प्रवेश भी कर लिये गये हैं, लेकिन यहॉं न पढ़ाई के लिए शिक्षक हैं और न ही प्रयोगात्मक पढ़ाई के लिए लैब है न भवन, सिर्फ कागजी कार्यवाही पर बीएड की पढ़ाई की औपचारिकताएं कर पढ़ाई करायी जा रही है।

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 163 बीएड कालेजों में सीट के मुताबिक शिक्षक नहीं हैं, इनको विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने नोटिस भेजे हैं, मानक पूरे नहीं होने इनको काउंसलिंग से बाहर रखा जायेगा, मान्यता भी रद्द की जा सकती है।
विश्वविद्यालय में बीएड के 443 कालेज हैं। विश्वविद्यालय के सर्वे में 163 कालेज मानक पूरे नहीं करते पाये गये। विश्वविद्यालय ने इनकी सूची एनसीटीई को भी भेजी है। उनकी रिपोर्ट में बीएड के 29 कालेजों ने शिक्षकों का अनुमोदन ही नहीं कराया था, 81 ऐसे कालेज रहे, जिनमें आंशिक रूप से मानक पूरे किये हैं।

इसके अलावा 53 कालेजों में अधिकांश मानक का पालन नहीं किया जा रहा है। इन सभी कालेजों को विश्वविद्यालय और एनसीटीई ने नेटिस भेजे हैं। इनको आवंटित सीटों के आधार पर शिक्षक नियुक्त करने समेत अन्य मानक पूरे करने के निर्देश दिये हैं। ऐसा न करने पर इनको बीएड की आगामी काउंसलिंग में शामिल नहीं किया जायेगा। कालेजों की मान्यता भी रद्द की जा सकती है। विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ. जीएस शर्मा ने बताया कि एनसीटीई की धारा 17 के अंतरगत 163 कालेज को नोटिस भेजकर शिक्षक समेत अन्य मानक पूरे करने के निर्देश दिये हैं। अधूरे मानक वाले कालेज काउंसलिंग से बाहर रहेंगे।

बीएड की 50 सीटों के लिए कालेज में आठ शिक्षक होना अनिवार्य है। इसमें शारीरिक शिक्षा, ड्राइंग एंड पेंटिंग और संगीत का एक-एक शिक्षक होना चाहिए, इसके अलावा पांच शिक्षक एमएड/एमए के साथ्ज्ञ नेट/पीएचडी होना जरूरी है। इसी तरह से अगर जिस कालेज के पास बीएड की 100 सीटें हैं, तो उसके लिए शिक्षकों की संख्या 16 हो जायेगी।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels