आगरा शहर में सोमवार को मुस्लिम संगठनों द्वारा निकाले गये जुलूस के दौरान हुयी हिंसा, तोड़-फोड़, लूटपाट की घटना को ‘उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस की विफलता मानते हुए 20 दिन पूर्व ही तैनात हुए एसएसपी को हटा दिया है, साथ ही डीआईजी आगरा भी मौके पर न पहुंचने पर उनको भी हटा दिया गया है।
सोमवार की घटना में साफ हो गया है कि आगरा जिला प्रशासन की पूरी तरह हर मोर्चे पर विफलता थी, जिसके कारण हजारों की तादाद में बिना अनुमति के जुलूस के लिए मुस्लिम संगठनों के लोग एकत्रित हुए, खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल साबित हुआ, स्थानीय अधिसूचना इकाई ने सिर्फ सौ-सवा सौ लोगों की ज्ञापन देने की रिपोर्ट आला अधिकारियों को दी थी, लेकिन इसके उलट सोशल मीडिया में मुस्लिम संगठनों की लगातार अपीलों के बाद बड़ी संख्या में एकत्रित हुए और जुलूस को कलक्टेªट तक ले गये, ज्ञापन भी दिया लेकिन प्रशासनिक अधिकारी सोते रहे।
जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार छुट्टी पर, सिर्फ एडीएम सिटी मुख्यालय पर मौजूद थे। रविवार को मेरठ में हुयी हिंसा की घटना के बावजूद भी प्रशासनिक पुलिस अधिकारियों की नींद नहीं खुली और मुस्लिम संगठन सोशल मीडिया और मस्जिदों से सोमवार को बड़ी संख्या में एकत्रित होकर बंद का आहवान करते हुए जुलूस में जुटने की अपीलें करते रहे। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को कानों-कान खबर नहीं थी, पूरा जिला एक एडीएम के हवाले था। प्रशासन के उच्चाधिकारी कमिश्नर आगरा ने भी मेरठ की घटना के बाद आगरा के अधिकारियों को अलर्ट रहने का कोई संदेश नहीं दिया, जिसके कारण सोमवार को यह हिंसक घटना और सांप्रदायिक दंगा होते-होते बचा है, दुकानों में लूटपाट की गयी, तोड़ फोड़ की गयी और उपद्रवियों मुस्लिम संगठनों की भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया। पुलिस एंव प्रशासनिक विफलता पूरी तरह उजागर हुयी है।
मेरठ की घटना के बाद आगरा में कोई सतर्कता नहीं बरती गयी थी, जुलूस निकालने की घोषणा के बावजूद भी कोई बन्दोबस्त जुलूस को रोकने का नहीं किया गया, कोई खुफिया इनपुट स्थानीय अभिसूचना इकाई ने नहीं दी जिससे पूरी साजिश उपद्रवियों की उजागर हो पाती। अब उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की विफलता मानते हुए घटना के 12 घंटे के अन्दर आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेन्द्र सिंह जिन्होंने 20 दिन पूर्व ही आगरा का कार्यभार संभाला था, उन्हें हटा दिया है, उनके स्थान पर बबलू कुमार को आगरा का एसएसपी बनाकर भेजा गया है। आगरा के डीआईजी लव कुमार भी हटा दिये गये हैं, घटना से पहले और घटना के बाद उनका कोई अता-पता नहीं था उन्हें भी हटा दिया गया है। पुलिस महानिरीक्षक आगरा जोन के पद पर सतीश गणेश को आगरा भेजा गया है।
पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही हो गयी है, लेकिन प्रशासनिक चूक अभी अधिकारी निशाने पर हैं। इतनी बड़ी घटना बवाल हो जाने के बाद स्थिति को संभालने के लिए जिला मुख्यालय पर एक एडीएम सिटी के अलावा कोई बड़ा अधिकारी मौजूद नहीं था।