
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ‘रेलवे का निजीकरण‘ की अफवाह को पूरी तरह खारिज कर दिया है और शुक्रवार को कहा है कि रेलवे का कोई निजीकरण नहीं कर सकता। विपक्ष के रेलवे का निजीकरण करने की कोशिशों के आरोपेां को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि ‘निजीकरण का सवाल ही पैदा नहीं होता।‘ उन्होंने हालांकि, साफ किया कि, सरकार का नई टेक्नाॅलोजी, सुविधाएं एंव निवेश बढ़ाने के लिए निजी सार्वजनिक साझेदारी (पीपीपी) आमंत्रित करने का इरादा है। केंद्रीय रेल मंत्री के इस खंडन के बाद रेलवे कर्मचारियों को उकसाने के लिए भ्रम फेलाने वालों की मुहिम की हवा निकल गयी है।
लोकसभा में वर्ष 2019-20 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर गुरूवार देर रात चली बहस का जवाब देते हुए गोयल ने कहा कि वह कई बार दोहर चुके हैं कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जायेगा, हालांकि नया स्टेशन बनाने, हाईस्पीड-सेमी स्पीड टेªन चलाने और सुविधा बढ़ाने के लिए निवेश आमंत्रित किया जाना चाहिए।