

उत्तर प्रदेश में विधायक भी अपने क्षेत्रों में हैंडपंप नहीं लगवा पाये हैं। सरकार ने बजट दिया, माननीयों ने सूची दी, पर यूपी एग्रो और जल निगम के अफसरों की हेकड़ी के आगे किसी की नहीं चली। बजट होने के बावजूद कई इलाकों में लोगों को साफ पानी मयस्सर नहीं हो रहा है।
सरकार ने वर्ष 2018-19 में प्रत्येक एमएलए और एमएलसी को 100-100 हैडपंप स्वीकृत किये थे, इस तरह 403 एमएलए और 100 एमएलसी को 75 जिलों में कुल 50300 हैंडपंप लगवाने थे। सरकार ने 66 जिलों में हैंडपंप लगाने का जिम्मा जल निगम को सौंपा और 9 जिलों की जिम्मेदारी यूपी एग्रो को दी थी, लेकिन एक साल बीतने के बाद सिर्फ 26240 हैंडपंप ही लग सके हैं, इनमें 21656 विधायकों और 4584 हैंडपंप एमएलसी कोटे से लगे हैं। जल निगम ने अपने जिम्मे के 40,037 में से सिर्फ 23,278 और यूपी एग्रो ने 7,807 में से 2,962 हैंडपंप ही लगाये हैं। प्रदेश के कमोबेश सभी क्षेत्रों में पानी की कमी बनी है।