अमेरिका सांसद ब्रॉड शारमन ने ट्रंप के बयान को बचकाना, भ्रामक और शर्मिंदा करने वाला बताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘हर कोई जो दक्षिण एशिया में विदेश नीति के बारे में कुछ भी जानता है वह जानता है कि भारत लगातार कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध करता है। सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी ऐसी बात नहीं करेंगे। ट्रंप ने एक बचकाना, भ्रामक और शर्मिंदा करने वाला बयान दिया है। मैंने अभी भारतीय राजदूत हर्ष श्रृंगला से ट्रंप की इस शर्मनाक गलती के लिए माफी मांगी है।’
भारत ने भी ट्रंप के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘हमने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा प्रेस को दिए उस बयान को देखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि भारत और पाकिस्तान अनुरोध करते हैं तो वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। PM मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है। भारत का लगातार यही रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों पर केवल द्विपक्षीय चर्चा होगी। पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत के लिए सीमापार आतंकवाद पर रोक जरूरी होगी। भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों के समाधान के लिए शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र का अनुपालन आधार होगा।’