उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा के दौरान कुंभ की तर्ज पर प्रबंध करने के दावे किए थे, लेकिन उनके इस दावे की पोल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खुल गयी है। रेलवे की ओर से कांवड़ियों के लिए हरिद्वार तक कोई भी स्पेशल ट्रेन का प्रबंध नहीं किया है। जिसका खामियाजा आम यात्रियों को झेलना पड़ रहा है। सोमवार से ही नई दिल्ली से वाया मेरठ, देहरादून तक चलने वाली जनशताब्दी पर कांवड़ियों ने कब्जा कर लिया। इससे आम यात्रियों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं –
कांवड़ियों को संभाल पाने में आरपीएफ और जीरआरपी फेल साबित हो रही है। सोमवार शाम 4.42 बजे सिटी स्टेशन पहुंची जनशताब्दी पर कांवड़ियों ने कब्जा करना शुरू कर दिया। सिटी स्टेशन से देहरादून तक सफर करने वाले यात्रियों को भी ट्रेन में चढ़ने में परेशानी हुई। जिसके चलते कांवडियों से अलग यात्री भी ट्रेन के आरक्षित कोच में चढ़ रहे थे। लेकिन आरपीएफ, जीरआरपी भी प्लेटफॉर्म से नदारद रही। वहीं, शाम पांच बजे पुरी से चलकर वाया मेरठ हरिद्वार को जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस का भी हाल यही रहा। उत्कल एक्सप्रेस के आरक्षित कोच में भी कांवड़ियों का कब्जा रहा। सिटी स्टेशन पर एक प्लाटून पीएसी होने के बाद भी कोई भी पुलिसकर्मी कांवडियों को समझा नहीं सका। जबकि कांवड़ यात्रा से पहले पुलिस कर्मियों की ट्रेनिंग दी गई थी। जिससे कांवड़ियों से अच्छे व्यवहार से पेश आते हुए उन्हें समझाया जा सके, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हुआ।
ट्रेन में चढ़ने के लिए कांवड़िये ट्रैक के बीच में पहुंच गए। दूसरी तरफ ट्रेन के आते ही ट्रैक पर दौड़ लगा। इस दौरान ट्रेन भी आ गई, गनीमत रही की कोई हादसा नहीं हुआ। आनन-फानन में आरपीएफ ने कांवड़ियों को समझाया लेकिन उनसे बहस भी हुई। ट्रेन में चढ़ने के लिए महिलाओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
रेलवे ने हर वर्ष की तरह इस बार भी अतिरिक्त ट्रेन की घोषणा नहीं की। हर वर्ष कांवड़ियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन इसके बाद भी रेलवे गंभीर नहीं है। रेलवे की तरफ से सिर्फ दिल्ली से वाया मेरठ, सहारनपुर को जाने वाली मेमू को हरिद्वार तक किया और दिल्ली जंक्शन से वाया मेरठ, ऋषिकेश तक जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में दो सामान्य श्रेणी के कोच बढ़ाकर पल्ला झाड़ लिया। लेकिन लाखों कांवड़ियों की भीड़ के चलते रेलवे का यह प्रयास फेल है।
कांवड़ यात्रा के दौरान हाईवे बंद होने से दिल्ली जाने वाली बसों को वाया किठौर- हापुड़ होते हुए दिल्ली भेजा जाएगा। यह व्यवस्था 31 जुलाई तक रहेगी। इस व्यवस्था के होने से समय और किराया दोनों का भार यात्रियों पर पड़ेगा, लेकिन इसके बावजूद रेलवे की तरफ से यात्रियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। सुबह और शाम के समय कई हजार दैनिक यात्री मेरठ से दिल्ली का सफर ट्रेनों से करते हैं। ऐसे में इन यात्रियों के अलावा अन्य यात्रियों की चिंता भी नहीं की गई है।