Friday, September 20, 2024

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बंगाल का रोसोगुल्ला नहीं ,ओडिशा का है रसगुल्ला । 

ओडिशा ने बंगाल के रोसोगुल्ला को हराकर ‘रसगुल्ला वॉर’ जीत लिया है। कई सालों से दोनों राज्यों के बीच यह बहस जारी थी कि आखिर रसगुल्ले पर किसका विशेषाधिकार है? अब खबर यह आई की इतने साल तक चल रही है इस लड़ाई को ओडिशा ने जीत लिया है। जी हां रसगुल्ले पर जीआई टैग यानी भौगोलिक पहचान ओडिशा का है।

ओडिशा के रसगुल्ला को सोमवार को जीआई ( जियोग्राफिकल इंडीकेशन अर्थात भौगोलिक सांकेतिक) टैग की मान्यता मिल गई है। भारत सरकार के जीआई रेजिस्ट्रेशन की तरफ से यह मान्यता दी गई है। जीआई मान्यता को लेकर चेन्नई जीआई रजिस्ट्रार की तरफ से विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी गई है।अब

स्वाद और रंगरूप के आधार पर जीआई प्रमाणन ने ‘ओडिशा रसगुल्ला’ को वैश्विक पहचान प्रदान की है। एजेंसी ने अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी पोस्ट की है। अपने रसगल्ले को वैश्विक पहचान मिलने से ओडिशा के लोगों में खुशी की लहर है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रमाण पत्र की प्रति ट्विटर पर जारी किया है।

बंगाल के लोगों का तर्क है कि रसगुल्ले का आविष्कार 1845 में नबीन चंद्रदास ने किया था। वे कोलकाता के बागबाजार में हलवाई की दुकान चलाते थे। उनकी दुकान आज भी केसी दास के नाम से संचालित है।

पर ओडिशा का तर्क है उनके राज्य में 12वीं सदी से रसगुल्ला बनता आ रहा है। उड़िया संस्कृति के विद्वान असित मोहंती ने शोध में साबित किया कि 15वीं सदी में बलरामदास रचित उड़िया ग्रंथ दांडी रामायण में रसगुल्ला की चर्चा है। वे तुलसी कृत मानस से पहले उड़िया में रामायण लिख चुके थे।

दो साल पहले 2017 में बंगाल के रसगुल्ला को जीआई टैग मिल भी गया था। इसके बाद 2018 फरवरी महीने में ओडिशा सूक्ष्म उद्योग निगम की तरफ से चेन्नई के जीआई कार्यालय में विभिन्न प्रमाण के साथ अपने रसगुल्ले का प्रमाणनन के लिए दावा किया था।

बंगाली रसगुल्ला बिल्कुल सफेद रंग और स्पंजी होता है, जबकि ओडिशा रसगुल्ला हल्के भूरे रंग का और बंगाली रसगुल्ला की तुलना में मुलायम होता है। यह मुंह में जाकर आसानी से घुल जाता है। ओडिशा रसगुल्ला के बारे में दावा है कि यह 12वीं सदी से भी भगवान जगन्नाथ को भोग चढ़ाया जा रहा है। इसे खीर मोहन और ‘पहाला रसगुल्ला’ भी कहते हैं।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels