सोमवार से ही लापता चल रहे कैफे कॉफी डे फाउंडर वीजी सिद्धार्थ का शव बुधवार (31 जुलाई) को बरामद कर लिया गया है। वे करीब 36 घंटों से लापता था। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा के दामाद सिद्धार्थ कंपनी कर्मचारियों के नाम एक चिट्ठी लिखकर रहस्यमयी ढंग से गायब हो गए थे। इसके बाद मंगलुरु की नेत्रावती नदी से उनका शव बरामद किया गया। कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने खुदकुशी कर ली।
वीजी सिद्धार्थ सोमवार सुबह बेंगलुरु से सकलेशपुर के लिए निकले थे लेकिन बीच रास्ते में उन्होंने अपने ड्राइवर बसवराज को गाड़ी मंगलुरू की तरफ ले जाने को कहा था। नत्रावती नदी पर बने पुल से कुछ दूरी पर मौजूद एक टोल प्लाजा से उनकी गाड़ी की आखरी तस्वीरें सामने आई थी। इन तस्वीरों से पता चला था कि शाम 5 बजकर 28 पर उनकी काली इनोवा टोल से गुजरते हुए पुल की तरफ गई थी।
सिद्धार्थ के ड्राइवर बसवराज ने पुलिस को बताया था कि नेत्रावती नदी के ब्रिज पर आधा रास्ता पार करने के बाद सिद्धार्थ ने गाड़ी रोकने को कहा और वे गाड़ी से नीचे उतर गए। उन्होंने ड्राइवर से कहा कि वह पुल के दूसरे छोर पर उनका इंतजार करे, और इसके बाद वे नहीं लौटे।
सिद्धार्थ की एक चिट्ठी भी मिली है, जो उन्होंने बोर्ड ऑफ डिरेक्टर्स और सीसीडी फैमिली को लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने कंपनी की माली हालत और अपने ऊपर कर्ज़ का ज़िक्र किया है। चिट्ठी में वीजी सिद्धार्थ ने अपनी नाकामी के बारे में लिखा है। सिद्धार्थ ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और कॉफी कैफे डे परिवार को संबोधित करते हुए अपने आखिरी पत्र में लिखा, 37 सालों तक कड़ी मेहनत से काम करने के दौरान कंपनी में 30,000 नौकरियां पैदा हुईं. लेकिन मैं अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद मुनाफे का बिजनेस खड़ा नहीं कर सका।
सिद्धार्थ ने लिखा है कि जिन लोगों ने मुझ पर विश्वास किया उन्हें निराश करने के लिए मैं माफी चाहता हूं। मैं लंबे समय से लड़ रहा ता लेकिन आज मैं हार मानता हूं
क्योंकि मैं एक प्राइवेट इक्विटी लेंडर पार्टनर का दबाव नहीं झेल पा रहा हूं, जो मुझे शेयर वापस खरीदने के लिए फोर्स कर रहा है। इसका आधा ट्रांजैक्शन मैं 6 महीने पहले एक दोस्त से बड़ी रकम उधार लेने के बाद पूरा कर चुका हूं। उन्होंने कहा है कि दूसरे लेंडर भी दबाव बना रहे थे जिस कारण वह हालात के सामने झुक गए हैं।
सिद्धार्थ ने पत्र में कहा है कि मेरा इरादा किसी को गुमराह या धोखा देने का नहीं था। एक कारोबारी के तौर पर मैं विफल रहा। उम्मीद है कि एक दिन आप समझेंगे, मुझे माफ कर दीजिए। हमारी संपत्तियों और उनकी संभावित वैल्यू की लिस्ट संलग्न कर रहा हूं। हमारी संपत्तियां हमारी देनदारियों से ज्यादा हैं। इनसे सभी का बकाया चुका सकते हैं।