मिशन कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त कर मोदी सरकार ने मास्टर स्ट्रोक के जरिये एक तीर से कई निशाने साधे। अपने ही राज्य में दोयम दर्जे की जिंदगी जी रहे वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजियों को 70 साल से अधिक समय बाद गुलामी की जंजीरों से आजाद होने का मौका मिला है। अब इन्हें राज्य की नागरिकता मिल सकेगी।
विधानसभा तथा पंचायत व निकाय चुनाव में अपनी भागीदारी निभा सकेंगे। अब इनके बच्चों को भी राज्य सरकार की नौकरियों तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
1947 में विस्थापन के बाद से ही लगातार रिफ्यूजियों की ओर से अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी जाती रही। पूर्ववर्ती कांग्रेस तथा अन्य दलों की सरकार में इनके लिए कोई सहूलियत नहीं मिली, लेकिन 2014 में जब मोदी की सरकार पहली बार बनी तो इनके लिए साढ़े पांच लाख रुपये मुआवजे का एलान किया गया। हालांकि, इसकी प्रक्रिया अभी चल रही है।