Friday, September 20, 2024

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INX घोटाले में हाईकोर्ट ने की चिदम्बरम की जमानत याचिका ख़ारिज, सुप्रीम कोर्ट ने भी नहीं दी राहत

INX मीडिया घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को करारा झटका लगा है। पूर्व वित्त मंत्री की अग्रिम जमानत की अर्जी दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। जस्टिस सुनील गौर ने चिदंबरम की याचिका को खारिज करने का फैसला सुनाया। कोर्ट ने 25 जनवरी को इस मामले में अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। याचिका खारिज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनकी लीग टीम आनन-फानन में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने कपिल सिब्बल से चिदंबरम की याचिका को बुधवार को सीनियर जजों के सामले पेश करने को कहा है। इसके बाद जज तय करेंगे कि मामले की जल्द सुनवाई की जाए या नहीं।

हाई कोर्ट के फैसले के बाद सीनियर वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने वकीलों की एक टीम के साथ उन संभावनाओं पर चर्चा की, जिसके तहत हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में सिब्बल ने चिदंबरम के साथ भी चर्चा की। इसके बाद सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों से चिदंबरम की याचिका को रजिस्ट्रार के सामने पेश करने को कहा। इस बीच कांग्रेस के एक अन्य नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और चिदंबरम के वकीलों के साथ विचार-विमर्श में शामिल हुए। टीम में चर्चा करने वाले वकीलों में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट से बाहर आने के बाद सिब्बल ने कहा, ‘हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद हमले जज से कहा कि हमें इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने का समय मिले, इसके लिए जब तक मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश नहीं होता तब तक इस फैसले पर रोक लगा दी जाए। लेकिन जज ने शाम 4 बजे फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अब हमने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश से बात की है। सीजेआई ने कल (बुधवार) मामले को सीनियर जजों के सामने याचिका पेश करने को कहा है। इसके बाद सीनियर जज तय करेंगे कि मामले की जल्द सुनवाई की जाए या नहीं।’

जिरह के दौरान सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), दोनों ने ही चिदंबरम की अर्जी का इस आधार पर विरोध किया था कि उनसे हिरासत में पूछताछ जरूरी है क्योंकि वह सवालों से बच रहे हैं। दोनों जांच एजेंसियों ने दलील दी थी कि चिदंबरम के वित्त मंत्री के तौर पर कार्यकाल के दौरान मीडिया समूह को 2007 में विदेश से 305 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी प्रदान की गई थी।

ईडी ने दलील दी कि जिन कंपनियों में राशि हस्तांतरित की गई वे सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर चिदंबरम के पुत्र कार्ति द्वारा नियंत्रित हैं और उनके पास यह मानने का एक कारण है कि INX मीडिया को एफआईपीबी मंजूरी उनके पुत्र के हस्तक्षेप पर प्रदान की गई। हाई कोर्ट ने 25 जुलाई 2018 को चिदंबरम को दोनों ही मामलों में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था जिसे समय समय पर बढ़ाया गया।

UPA-1 सरकार में वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान एफआईपीबी ने दो उपक्रमों को मंजूरी दी थी। INX मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई एफआईपीबी मंजूरी में अनियमितताएं हुईं। इसके बाद ईडी ने पिछले साल इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels