जम्मू कश्मीर में अबतक अलग निशान (झंडे) और अलग विधान की परंपरा चली आ रही थी।अनुच्छेद 370 को खत्म करने के साथ अलग विधान को सरकार पहले ही खत्म कर चुकी है, अब वहां अलग निशान भी देखने को नहीं मिलेगा। इसी क्रम में रविवार को श्रीनगर स्थित राज्य सचिवालय की बिल्डिंग से जम्मू कश्मीर का झंडा हटा दिया गया।
बता दें कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद भी कुछ दिनों पहले तक दोनों झंडे लगे हुए थे। अधिकारियों के मुताबिक, अब राज्य सरकार से जुड़ी सभी इमारतों पर सिर्फ तिरंगा ही फहराया जाएगा। अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के हटने के बाद भारतीय दंड संहिता और भारत का पूरा संविधान जम्मू-कश्मीर पर भी लागू हो गया। आर्टिकल 370 हटने से पहले तक सचिवालय पर दोनों झंडे लगते थे।राज्य के सचिवालय की ताजा तस्वीर आप ऊपर देख रहे हैं। यह फोटो रविवार को आई है। इसमें सिर्फ तिरंगा लहराता दिख रहा है। वहीं जम्मू कश्मीर का झंडा अब हटा दिया गया है।
5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने से पहले ही केंद्र सरकार पूरी तरह तैयार थी। समूचे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। ज्यादातर इलाकों में अभी भी धारा 144 लागू है, जिसमें धीरे-धीरे ढील दी जा रही है। राज्य के कई प्रमुख नेता अभी नजरबंद हैं। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि जल्द ही इन नेताओं से बातचीत करके और उन्हें विश्वास में लेकर पूरे राज्य से पाबंदियां हटाई जा सकती हैं।
अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। पहला जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख। दोनों केंद्र शासित प्रदेश बना दिए हैं। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी और वहां चुनाव भी कराए जाएंगे लेकिन लद्दाख चंडीगढ़ की तरह बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा।
अनुच्छेद 370 को हटाना केंद्र सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। लिहाजा सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए घाटी में 35 हजार से ज्यादा सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। हालांकि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 3 हफ्ते बाद कई इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी गई है। लोगों की आवाजाही सड़कों पर पहले की तरह शुरू हो गई है. छात्र-छात्राएं स्कूल और कॉलेज जा रहे हैं. सरकारी दफ्तरों में भी कामकाज शुरू हो गया है।