बदलती तस्वीर के साथ कश्मीर हर दिन एक नयी इबारत लिख रहा है। 31 अगस्त को जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री यानी जैकलाई में 575 जवान 36 सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद पासिंग आउटपरेड में हिस्सा लेंगे और शपथ लेते हुए प्रशिक्षण का अंतिम पग पार करेंगे। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद यह पहली पासिंग आउट परेड होगी। इसके बाद नंवबर माह में 425 जवान प्रशिक्षण पूरा कर सेवा पासिंग आउट परेड करेंगे और फिर मार्च 2020 में 225 जवान जैकलाई में शामिल होंगे।
गौरतलब है कि इसमें सिर्फ जम्मू-कश्मीर के जवानों को चुना जाता है। इस समय इसकी 15 बटालियन हैं। जैकलाई के जवानों को 1947 में घुसपैठियों से लड़ने के लिए तैयार किया गया था। उस समय यह मौजूदा स्वरूप में नहीं थी। 15 अप्रैल से दो अगस्त, 1948 तक कश्मीर घाटी में पाकिस्तानी सेना और कबाइलियों से लड़ते हुए बहुत कुर्बानियां दी। इसके बाद 1972 में जाकर जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री का गठन किया गया। उसी समय से यह मौजूदा स्वरूप में सभी के सामने है।
कश्मीर मसले पर दुनिया भर में मुंह की खाने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर युद्ध के हालात पैदा कर रखे हैं। सीमापार से निरंतर भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों पर गोलाबारी की जा रही है। भारतीय सेना भी मुंहतोड़ जवाब दे रही है। राज्य में सक्रिय पाकिस्तानी एजेंट भी उसके एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रविरोधी प्रचार को हवा दे रहे हैं। इसके बावजूद स्थानीय युवा और आम कश्मीरी आवाम गुमराह नहीं हो रहे। इसका अंदाजा वादी में बीते 26 दिनों से जारी तनाव के बावजूद वादी के विभिन्न हिस्सों से बड़ी तादाद में युवकों को फौजी बनने की इच्छा के साथ शेरगढ़ी इलाके में स्थित सेना के भर्ती कार्यालय के जमा देख हो जाता है।
अधिकारी ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों की वजह से कश्मीरी युवाओं को पत्थरबाज या जिहादी बता दिया जाता है। असलियत इसके उलट है। देश के लिए जज्बे की यहां कमी नहीं है। जब कभी कश्मीर में कहीं भी भर्ती रैली होती है तो वहां का माहौल देखकर कोई भी हैरान हो जाता है। भर्ती में शामिल होने वाले युवकों के शारीरिक दमखम,उनकी पढ़ाई के आधार पर उनकी मेरिट लिस्ट तैयार करना कठिन हो जाता है। पिछले माह भी हमने एक भर्ती अभियान चलाया था। अब अक्टूबर में भी भर्ती प्रक्रिया आरंभ हो रही है। इंटरनेट बंद होने के कारण नौजवान अपने आवेदनपत्र लेकर यहां पहुंच रहे हैं।
