यातायात कर्मी से नोकझोंक में एक शख्स की हार्ट अटैक से मौत हो गई, जिसके बाद यातायात कर्मी मौके से फरार हो गया। इस दौरान उसकी माता व पिता साथ में थे। पिता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से दोषी यातायात कर्मी पर कार्रवाई की मांग की है।
सोमवार को मृतक गौरव शर्मा 3 के घर पुलिसकर्मी भी पहुंचे। बुजुर्ग ने पुलिसकर्मियों से कहा कि अभी वे बेटे का दाह संस्कार करके घर पहुंचे हैं। वह एक दो दिन में या खुद थाने आकर शिकायत देंगे।
गौरव शर्मा के भाई वैभव शर्मा ने बताया कि आईटी कंपनी में काम करते थे। रविवार की शाम माता और पिता को इंदिरापुरम ले जा रहे थे। सेक्टर-62 अंडरपास पार करते ही एक सफेद वर्दी में खड़े यातायात कर्मी ने गाड़ी रोकने को कहा।
इस पर गौरव ने साइड में कार लगा दी। जिसके बाद यातायात कर्मी ने कार की बोनट पर तीन से चार डंडे बजा दिए। इस पर गौरव की कार से उतरने के बाद नोकझोंक होने लगी, तभी अचानक गौरव सड़क पर गिर गए। यह देखकर ट्रैफिक पुलिस कर्मी मौके से फरार हो गया।
आरोप है कि पिता राहगीर की मदद से उन्हें फोर्टिस अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने कार में ही उनकी जांच कर वापस भेज दिया। इसके बाद उसे कैलाश अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मृतक के 65 साल के पिता ने आरोप लगाया कि नए मोटर व्हीकल एक्ट के नाम पर ट्रैफिक पुलिस ने बदतमीजी की. उन्होंने कहा, ‘किसी भी चीज का एक तरीका होता है।यह सही है कि ट्रैफिक नियम बदल गए हैं। पुलिस को विनम्र होना चाहिए और किसी को निरीक्षण के लिए कहना चाहिए. यह तेज गाड़ी चलाने जैसा मामला नहीं था. वहां 2 बुजुर्ग लोग बैठे थे लेकिन उन्होंने डंडे से कार पर मारा. यह चेकिंग का तरीका नहीं है. मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई नियम है।
रविवार रात को यह घटना संज्ञान में आई थी। इस मामले का पता करवाया था। सेक्टर-62 के आस-पास वाहन चेकिंग करने वाले ट्रैफिक पुलिसकर्मी से बात की थी, लेकिन ऐसी किसी घटना से मना कर दिया। मॉडल टाउन, काला पत्थर, छिजारसी समेत एनएच-24 पर यूपी गेट से लाल कुंआ तक गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं।