अमिताभ बच्चन को 2018 के दादा साहब फाल्के अवॉर्ड के लिए चुना गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दिलचस्प बात यह है कि 2019 में ही अमिताभ बच्चन की पहली फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी’ को प्रदर्शित हुए 50 साल पूरे हुए हैं। 11 अक्टूबर 1942 को तत्कालीन इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में जन्मे अमिताभ की पहली फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी’ 1969 में रिलीज हुई थी। ख्वाजा अहमद अब्बास द्वारा लिखित, निर्मित और निर्देशित यह फिल्म गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराने वाले सात हिन्दुस्तानियों की कहानी पर आधारित थी। इसमें उत्पल दत्त, मधु, एके हंगल और अमिताभ बच्चन मुख्य किरदार में थे।
दादा साहब फाल्के अवॉर्ड भारत सरकार की ओर से फिल्मी जगत से जुड़ी हस्तियों को भारतीय सिनेमा में उनके आजीवन योगदान के लिए दिया जाने वाला वार्षिक पुरस्कार है। इसकी शुरुआत दादा साहब फाल्के के जन्म शताब्दी 1969 से हुई थी। पहली बार यह सम्मान अभिनेत्री देविका रानी को प्रदान किया गया था। वर्तमान में इस पुरस्कार में 10 लाख रुपए और स्वर्ण कमल दिया जाता है।
दादा साहब फाल्के अवॉर्ड भारत सरकार की ओर से फिल्मी जगत से जुड़ी हस्तियों को भारतीय सिनेमा में उनके आजीवन योगदान के लिए दिया जाने वाला वार्षिक पुरस्कार है। इसकी शुरुआत दादा साहब फाल्के के जन्म शताब्दी 1969 से हुई थी। पहली बार यह सम्मान अभिनेत्री देविका रानी को प्रदान किया गया था। वर्तमान में इस पुरस्कार में 10 लाख रुपए और स्वर्ण कमल दिया जाता है।
अमिताभ बच्चन को मिलने वाले सिनेमा के इस सबसे बड़े पुरस्कार के ऐलान के बाद से सोशल मीडिया पर अमिताभ बच्चन छाए हुए हैं। सोशल मीडिया पर अमिताभ बच्चन को बधाई देने वालों का तांता लग गया है। राजनीतिक और बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियों ने ट्वीट कर अमिताभ बच्चन को बधाई दी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि ‘श्री अमिताभ बच्चन हिंदी सिनेमा के उन कलाकारों में हैं जिन्होंने लम्बे समय तक सिने प्रेमियों के दिलों पर राज किया है। पांच दशक में उन्होंने अनेक फ़िल्मों में अपनी अभिनय कला एवं प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। उन्हें दादा साहब फाल्के सम्मान मिलने की बधाई एवं शुभकामनाएँ।।’