भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा उप चुनाव में हमीरपुर सदर सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। हमीरपुर सदर से विधायक अशोक सिंह चंदेल की सदस्यता जाने के बाद 23 सितंबर को सम्नन उप चुनाव के मतदान में भाजपा प्रत्याशी युवराज सिंह ने बाजी मारी है।
कृषि उत्पादन मंडी परिसर में गुरुवार को मतगणना के पहले चक्र से ही बढ़त लेने वाले भारतीय जनता पार्टी के युवराज सिंह ने 26वें चक्र की मतगणना तक अजेय बढ़त बना ली थी। भाजपा के युवराज सिंह को 74168 तथा समाजवादी पार्टी के मनोज प्रजापति को 56397 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे बहुजन समाज पार्टी के नौशाद अली को 28749 और कांग्रेस के हरदीपक निषाद को 16083 वोट मिले। यहां पर कुल 149094 मत में से नोटा में 2290 लोगों ने बटन दबाया। इस तरह भाजपा प्रत्याशी युवराज सिंह ने 17771 वोट से जीत दर्ज की।
सामूहिक हत्याकांड में भाजपा विधायक अशोक सिंह चंदेल को उम्रकैद होने के कारण रिक्त हमीरपुर सदर विधानसभा सीट पर 23 सितंबर को मतदान के बाद शुक्रवार को मतगणना सुबह आठ बजे से शुरु हो गई। पहले एक घंटा में भाजपा प्रत्याशी युवराज सिंह ने बढ़त बना ली। यहां पर आज चार नौ प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हो गया। जिनको लाख एक हजार 148 मतदाता में से 51 प्रतिशत ने वोट डाला। यहां 23 सितंबर को 257 मतदान केंद्र व 476 मतदेय स्थल पर मतदान हुआ था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद भाजपा प्रत्याशी युवराज सिंह के समर्थन में प्रचार किया था। इस मुकाबले में सभी की निगाहें विपक्ष के परफॉरमेंस पर थी। 2014 के बाद से यह पहला मौका है जब सभी प्रमुख दाल अकेले मैदान में थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमीरपुर विधान सभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की विजय पर जनता के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने पार्टी के प्रत्याशी युवराज सिंह को उनकी जीत पर हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा है कि हमीरपुर विधान सभा उपचुनाव में पार्टी को मिली विजय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की जीत है।
बीजेपी का परचम लहराने वाले युवराज सिंह पहली बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर 1989 में विधानसभा पहुंचे थे, ये मुलायम सिंह यादव का दौर था, इसके बाद वह 2003 से 2010 तक सपा के एमएलसी रहे 2019 में लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद युवराज सिंह का मन बदला और उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस दौरान बीजेपी विधायक अशोक सिंह चंदेल को 22 साल पुराने हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हो गई और उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। इसके बाद हमीरपुर में विधानसभा उपचुनाव का ऐलान हुआ तो बीजेपी के सामने युवराज सिंह की सबसे मजबूत दावेदारी पेश आई। बीजेपी ने युवराज पर विश्वास किया और नतीजा ये रहा कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के मनोज प्रजापति को 17771 वोट से शिकस्त दे दी।
युवराज सिंह को राजनीति विरासत में मिली इनके बाबा और पिता से लेकर ताऊ और चाचा भी विधायक रहे वैसे युवराज सिंह को राजनीति विरासत में मिली. इनके बाबा और पिता से लेकर ताऊ और चाचा भी विधायक रहे ।युवराज के बाबा चौधरी पहलवान सिंह 1952-1957 और 1957-1962 तक बांदा विधानसभा से विधायक रहे. तब बांदा और तिंदवारी दोनों ही एक विधानसभा होती थी। यही नहीं युवराज के पिता पिता बृजराज सिंह 1962 से 1967 और 1969 से 1974 तक मौदहा से विधयक रहे। वह चंद्रभानु गुप्त सरकार में राज्यमंत्री भी रहे. इसके अलावा युवराज के ताऊ महिरध्वज सिंह और चाचा जसवंत सिंह भी एमएलसी रहे युवराज के बाबा चौधरी पहलवान सिंह 1952-1957 और 1957-1962 तक बांदा विधानसभा से विधायक रहे. तब बांदा और तिंदवारी दोनों ही एक विधानसभा होती थी यही नहीं युवराज के पिता पिता बृजराज सिंह 1962 से 1967 और 1969 से 1974 तक मौदहा से विधयक रहे।वह चंद्रभानु गुप्त सरकार में राज्यमंत्री भी रहे।इसके अलावा युवराज के ताऊ महिरध्वज सिंह और चाचा जसवंत सिंह भी एमएलसी रहे।