Friday, September 20, 2024

News, World

संयुक्त राष्ट्र महासभा संबोधन में मोदी ने पुंगुंदरनार, विवेकानंद का स्मरण किया

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने UNGA में अपने संबोधन के दौरान भारत की उदार और शांति के दूत के रूप में छवि को सबके सामने रखा। उन्होंने कहा, भारत ने बुद्ध दिए हैं युद्ध नहीं। अपने इस संबोधन में उन्होंने स्वामी विवेकानंद को याद किया और तमिल दार्शनिक व कवि कनियन पुंगुनद्रनार को याद करते हुए उनके शब्दों को भी दोहराया।

PM Modi ने जब वैश्विक समस्याओं का जिक्र करते हुए उनके समाधान के लिए एकजुट होकर काम करने की बात कही तो उन्हें यह तमिल दार्शनिक याद आए। उन्होंने कवि पुंगुनद्रनार की मशहूर कविता ‘याधुम उरे यावरम केलिर’ का जिक्र किया। तमिल में लिखी इस कविता का हिंदी में अनुवाद करें तो वह होगा – हम सभी जगहों से संबंधित हैं और हर किसी से जुड़े हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी    ने कहा, भारत का यह भाव किसी सीमा रेखा को नहीं देखता और यह अद्वितीय भी है। बता दें कि करीब 3000 साल पहले महान कवि कनियन पुंगुनद्रनार ने यह पंक्तियां लिखी थीं।

विश्व के सामने मौजूद तमाम गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों का अनुरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने संबोधन में प्रसिद्ध तमिल दर्शनशास्त्री कनियन पुंगुंदरनार के साथ ही स्वामी विवेकानंद के उद्धरणों का शुक्रवार को स्मरण किया। मोदी ने इन महान व्यक्तित्वों के उद्धरणों के जरिए इस बात पर जोर दिया कि खंडित दुनिया किसी के भी हित में नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले पांच साल में भारत ”राष्ट्रों में भाईचारे की अपनी सदियों पुरानी परंपरा को मजबूत करने और वैश्विक कल्याण की दिशा में काम कर रहा है जो निश्चित तौर पर संयुक्त राष्ट्र के मुख्य उद्देश्यों के अनुरूप है।

मोदी ने कहा कि भारत जिन मुद्दों को उठा रहा है, देश जिस तरह के नये वैश्विक मंचों के निर्माण में आगे आया है, उनके लिए गंभीर वैश्विक चुनौतियों एवं मुद्दों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘भारत एक महान संस्कृति है जो हजारों वर्ष पुरानी है, एक संस्कृति जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं और जिसने सार्वभौमिक सपनों को शामिल किया है। हमारे मूल्य एवं संस्कृति हर किसी में दिव्यता देखती है और सभी के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।’
तमिल कवि कनियन पुंगुदरनार के प्रसिद्ध उद्धरण ‘याधुम ऊरे यावरुम केलिर’ का हवाला देते हुए कहा कि सीमा से इतर संबंधों की यह समझ भारत की विशिष्टता है। तमिल कवि की इस उक्ति का आशय ‘वसुधैव कुटुंबकम से है। स्वामी विवेकानंद के संदेश का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘150 साल पहले, महान आध्यात्मिक गुरु, स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में धर्म संसद के दौरान ‘शांति एवं सौहार्द का संदेश दिया था, मतभेद का नहीं।’ मोदी ने कहा, ‘विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का आज भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए शांति और सौहार्द ही, एकमात्र संदेश है।’

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels