प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि ‘आयुष्मान भारत योजना की मदद से पिछले एक साल में कम आय वर्ग के लाखों लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें मिलना इसकी कामयाबी का प्रतीक है और पिछले एक साल के अनुभव से सबक लेकर योजना की कमियों को दूर किया जा रहा है।
मोदी ने सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना का पहला साल पूरा होने पर इसके अनुभवों पर चर्चा के लिये मंगलवार को आयोजित ‘आरोग्य मंथन कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि महज एक साल में इस योजना के 46 लाख लाभार्थी बहुत बड़ी सिद्धि हैं। साथ ही इस योजना की कामयाबी को सुचारु रखने के लिये इसे व्यवस्थागत तौर पर तकनीक की मदद से कमियों से मुक्त किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आने वाले पांच से सात सालों में आयुष्मान योजना रोजगार के 11 लाख से अधिक अवसर सृजित करेगी। मोदी ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना के रूप में आयुष्मान योजना विश्व समुदाय के लिये नजीर साबित हुयी है। इसकी कामयाबी के बलबूते ही ‘पीएम जय योजना सही मायने में ‘गरीबों की जय बन गयी है।
प्रधानमंत्री ने इसके तकनीकी पहलुओं का जिक्र करते हुये कहा कि अत्याधुनिक तकनीक के बलबूते ही विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना को सर्वश्रेष्ठ योजना में तब्दील किया जा सकेगा। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि इस योजना के कारण गरीबों को अब बीमारियों के इलाज के लिये अपने घर, गहने और जमीन आदि गिरवी नहीं रखने पड़ रहे हैं।
तेजी से उभरते ‘नये भारत में आयुष्मान योजना को विभिन क्रांतिकारी कदमों में से एक बताते हुये मोदी ने कहा, ”पहले एक साल में हमने संकल्प के साथ बहुत कुछ सीखा है और शंकाओं को दूर भी किया, सीखने का यह सिलसिला आगे भी चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि आरोग्य मंथन में चर्चा के दौरान इस योजना की जो कमियां सामने आयी हैं, उन्हें दूर कर इसे यथाशीघ्र खामियों से रहित बनाने की जरूरत है जिससे लाभार्थियों को इलाज के लिये दूसरे राज्यों में जाने के बजाय अपने घर के पास ही बेहतर इलाज मिल सके।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने आयुष्मान योजना के 33 लाभार्थियों से मुलाकात कर उनके अनुभवों को सुना। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन और राज्य मंत्री अश्विनी चौबे तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।