आगरा (Agra) में एक किशोरी से कथित दुष्कर्म के बाद प्रशासन ने एक अनाथालय (Orphanage) को सील कर दिया।अनाथालय को सील करने के बाद प्रशासन ने इसके प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्रशासन की टीम ने अनाथालय पर छापेमारी की। छापेमारी में पाया गया कि अनाथालय का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं था।
बगैर अनुमति अनाथालय चलाने पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। साथ ही बच्चों की उपेक्षा की भी धारा लगाई गई है। सीडीओ, एसडीएम और डीपीओ दोपहर को अनाथालय पहुंचे। इसके बाद यह कार्रवाई की गई। इस संबंध में सीडीओ जे. रीभा ने बताया कि रविवार शाम सात बजे के लगभग अनाथालय को सील करने की कार्रवाई की गई और अनाथालय प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज कर 28 लड़कों को आगरा में शाहगंज स्थित बाल गृह में शिफ्ट कर दिया गया।10 लड़कियों में से तीन लड़कियों को आशा ज्योति केंद्र में रखा गया है।कम उम्र की बच्चियों को शाहगंज स्थित बाल गृह में रखा गया है।आगरा के एत्माउददौला क्षेत्र के अनाथालय की छत से तीन अक्टूबर को 16 वर्षीय एक किशोरी ने यमुना में छलांग लगा दी थी। स्थानीय लोगों ने उसे बचा लिया था. किशोरी ने आरोप लगाया है कि अनाथालय में तीन युवकों ने उसके साथ रेप किया था।
बता दें कि तीन अक्टूबर को अनाथालय की छत से कूदकर एक युवती ने जान देने की कोशिश की थी। घटना में वो घायल हो गई। पूछताछ में पीड़ित युवती ने अनाथालय में रहने वाले तीन युवकों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया।
आरोपियो में एक अनाथालय का सफाई कर्मी, दूसरा रसोइये और तीसरा युवक यहां रहता है। पहले दो आरोपी नाबालिग बताए जा रहे थे, लेकिन जांच में सभी बालिग निकले। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
हैरत की बात यह कि पीड़ित युवती ने आश्रम प्रबंधन को जानकारी दी थी, लेकिन चार घंटे तक मामले को दबाए रखा गया। इस घटनाक्रम की जानकारी आश्रम में रह रहे युवती के भाई को दी गई। इस पर उसने युवती को पीटा भी।
मामला सामने आने के बाद राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह और सदस्य निर्मला दीक्षित ने अनाथ आश्रम का निरीक्षण किया। इस दौरान आश्रम में बियर केन समेत तमाम आपत्तिजनक चीजें मिलीं थीं।