उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (CM Yogi Adityanath) और गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ मंगलवार को नाथ संप्रदाय की विशेष वेशभूषा में नजर आए गोरक्षपीठाधीश्वर के साथ बड़ी संख्या में वेद पाठी बालक शस्त्र त्रिशूल, तलवार और अन्य शस्त्र लिए सैनिक के रूप में उनके साथ सुरक्षा में चल रहे थे सबसे पहले योगी आदित्यनाथ गुरु गोरक्षनाथ के समक्ष गर्भ गृह में पहुंचे जहां उन्होंने श्रीनाथ जी का अनुष्ठान एवं पूजन किया।
विजयादशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली गोरखपीठाधीश्वर की परंपरागत विजय शोभा यात्रा मंगलवार की शाम श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के वातावरण में धूमधाम से निकली। शोभा यात्रा में गोरक्षपीठाधीश्वर की गद्दी पर सवार मुख्यमंत्री योगी को देखने के लिए सड़क के दोनों किनारें खड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही। गोरखनाथ मंदिर से लेकर गंतव्य स्थान मानसरोवर मंदिर और फिर रामलीला मैदान तक सड़कों और छतों पर खड़े लोगों ने पुष्प वर्षा से शोभायात्रा का स्वागत किया। अनवरत गूंज रहे जयकारे के बीच धीरे-धीरे बढ़ता योगी का रथ शोभायात्रा को भव्यता प्रदान कर रहा था।
यात्रा की शुरुआत शाम चार बजे हुई। यात्रा में सबसे आगे हनुमान अखाड़े के लोग चल रहे थे, उनके पीछे श्रद्धालुओं का समूह जय श्रीराम और नाथ संप्रदाय का जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ रहा था। इस क्रम में हनुमान जी की प्रतिमा भी शोभा यात्रा में सभी को सिर झुकाकर श्रद्धा व्यक्त करने के लिए मजबूर कर रही थी। उनके बाद लाठी खेलते बच्चे सभी के आकर्षण का केंद्र थे। हालाकि इन सबके बीच सबकी निगाहें योगी को ही तलाश रही थीं। क्रमबद्ध ढंग से जैसे ही योगी का रथ सड़क पर खड़े लोगों के पास पहुंच रहा था, लोग के चेहरे खिल जा रहे थे। कोई प्रणाम कर रहा था तो कोई अभिवादन के लिए हाथ उठा रहा था। योगी भी हर किसी को अभिवादन स्वीकार करने के लिए तत्पर थे। विजय शोभा-यात्रा में संतों, कार्यकर्ताओं एवं श्रद्धालुओं के हाथ में नाद, ध्वज, दंड, परंपरागत अस्त्र-शस्त्र नाथ परंपरा की याद दिला रहे थे।
गोरखनाथ मंदिर में मंगलवार की सुबह से ही विजयादषमी की धूम दिखने लगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह मंदिर में श्रीनाथ जी की पारंपरिक पूजा पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न की। श्रीनाथ पूजा से पहले गोरक्षपीठाधीश्वर की भव्य शोभायात्रा मंदिर परिसर में निकली। नाथ पंथ के योगियों, पुजारियों एवं संतो के साथ सुबह निकली शोभा यात्रा की अगुवाई मुख्यमंत्री योगी ने बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर खुद की। 100 की संख्या में वेदपाठी बच्चे त्रिशूल, तलवार और अन्य शस्त्र लिए सैनिक की तरह उनकी सुरक्षा में चल रहे थे।