राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि होम साइंस की छात्राएं क्लास में पढ़ती है, एग्जाम में अच्छा लिखती हैं और गोल्ड मेडल जीतती हैं लेकिन किचन में जाकर सब भूल जाती हैं। यदि होम साइंस पढ़ा है तो उसका आजीवन इस्तेमाल होना चाहिए। चाहे वह घर में हो या रोजगार के क्षेत्र में। बेटियां आज पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन कर रही हैं। पढ़ाई का सही दिशा में इस्तेमाल होना चाहिए।
बुधवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रही राज्यपाल ने बेटियों को खानपान बेहतर बनाने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि युवा से लेकर बुजुर्ग और प्रेग्नेंट महिला की डाइट अलग होती है। बेटियों, महिलाओं को उसका ध्यान रखना चाहिए। राज्यपाल ने गर्भ संस्कार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मिड डे मिल समेत सरकारी योजनाओं के बारे में भी बताया।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय का दीक्षा समारोह छात्र छात्राओं के लिए एक पर्व है। 701 मेधावियों को उपाधि वितरित करना गर्व की बात है। उन्होंने खुशी जताई कि आज कृषि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाएं भी आगे आ रही हैं। कहा, प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित रखते हुए तकनीकी का उपयोग मानवता की बेहतरी के लिए समय की मांग है। आज जलवायु परिवर्तन एक गंभीर चुनौती बन चुका है। खेती से अधिक पैदावार लेने के लिए भूजल के दोहन, रसायन व कीटनाशकों के संतुलित उपयोग की जरूरत है। कृषि वैज्ञानिक इस दिशा में पहल करें तो प्राकृतिक संतुलन बना रहेगा। जल संरक्षण के लिए उप में प्रबंधन को और चुस्त-दुरुस्त करने की जरूरत है।
राज्यपाल आनंदीबेन और जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने 56 मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल सौपे। 14 को गोल्ड 14 को कांस्य और 14 को रजत पदक भेंट किए। इस खास मौके पर उपस्थित छात्र छात्र छात्राओं ने अपने माता-पिता और अन्य परिजनों के पैर छूकर आशीर्वाद लिए। यहां 701 छात्र छात्राओं को उपाधि भी भेंट की गई।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल बुधवार को कानपुर स्थित चन्द्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में इक्कीसवें दीक्षान्त समारोह में हिस्सा लेने पहुंची। समारोह में राज्यपाल के सामने ही कुछ छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर अंक देने में भेदभाव का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। विश्वविद्यालय और प्रशासनिक अफसरों ने छात्रों को समझाकर शांत कराने का प्रयास किया।