आगरा में दहेज के लिए पत्नी मानसी चोपड़ा की हत्या के आरोपी एडीएम प्रशासन के स्टेनो गौरव चिटकारा ने मंगलवार को कोर्ट में समर्पण कर दिया। उसे 25 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। उसने जमानत के लिए अर्जी लगाई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
मानसी की संदिग्ध हालात में नौ अक्तूबर को अस्पताल में मौत हुई थी। आरोप है कि उसका गला दबाया गया। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण फंदे पर लटकना आया। गौरव ने सीजेएम कोर्ट में समर्पण किया। मानसी की ससुराल राजपुर चुंगी, सदर में है। मायका कमला नगर के कर्मयोगी में है।
उसकी और गौरव की शादी लगभग पांच साल पहले हुई थी। मानसी की मां सविता चोपड़ा का कहना है कि बेटी को बेरहमी से पीटा जाता था। दहेज के लिए ताने मारे जाते थे। आखिर में गला दबाकर उसकी जान ले ली।पुलिस ने केस दहेज हत्या की धारा 304 बी में दर्ज किया था। इसमें गौरव, उसकी मां उषा देवी, मामा अनिल उर्फ टीनी और चाचा महेंद्र को नामजद कराया गया। इस मामले में नामजद अभी तीन आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है।
मानसी को इंसाफ दिलाने के लिए तीन दिन पहले कमला नगर में कैंडल मार्च निकाला गया था। सोशल मीडिया पर भी मुहिम चलाई जा रही है। ट्विटर व्हाट्स एप, फेसबुक के माध्यम से मानसी को इंसाफ चाहिए शीर्षक से संदेश भेजे जा रहे हैं।