आगरा में शुक्रवार को नगर निगम Municipal Corporation सदन के 12 वें अधिवेशन में जमकर हंगामा हुआ। ठेकेदार फर्म को ब्लैक लिस्ट करने की मांग पर अड़े पार्षदों ने सदन में एत्माद्दौला पुलिस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कराया। सदन में पुलिस और ठेकेदार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे गूंजे। मेयर ने पार्किंग ठेकेदार को नोटिस जारी करने के बाद कार्रवाई के लिए कहा, लेकिन पार्षदों ने हंगामे के बाद सदन स्थगित करा दिया।
शुक्रवार दोपहर 3 बजे जब नगर निगम सदन का 12 वां अधिवेशन शुरू हुआ तो पार्षद रवि बिहारी माथुर ने दो अक्तूबर से शुरू हुए स्वच्छता अभियान में पार्षदों को जिम्मेदारी देने पर मेयर नवीन जैन का अभिनंदन किया। सदन की कार्रवाई जैसे ही शुरू की गई, सीता नगर के पार्षद जितेंद्र सिंह खड़े हो गए। उन्होंने रामबाग के पार्किंग ठेकेदार द्वारा उनके खिलाफ कराई गई क्रास एफआईआर का मुद्दा उठा दिया।
11 पार्षदों ने जितेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर पर आपत्ति जताते हुए निंदा प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद ही सभी पार्षद एकजुट हो गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। एक मत से एत्माद्दौला पुलिस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर दिया गया। हंगामे और नारेबाजी के बीच मेयर ने सदन स्थगित कर दिया।
पार्षद जितेंद्र सिंह ने कहा कि जनता के उत्पीड़न पर जब पार्षद ठेकेदारों के खिलाफ बोल रहे हैं तो मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। सदन में पारित प्रस्ताव का फिर क्या मतलब है। ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाए और उसका लाइसेंस निरस्त किया जाए।
पार्षद विवेक तोमर बोले कि ये सदन तब चलेगा, जब ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी। ठेकेदार को नोटिस नहीं, सीधे ब्लैक लिस्ट करना चाहिए। ये सदन का अपमान है। एक नहीं, चार पार्षदों पर बिना जांच के एफआईआर की गई है।
पार्षद रवि शर्मा ने कहा कि निर्माण कार्य हो या प्रकाश विभाग का, हमारे अफसरों का ठेकेदार को वरदहस्त मिला हुआ है, जिससे उनके हौंसले बढ़े हैं। पार्षद के खिलाफ मुकदमा लिखवाने वाले ठेकेदार का लाइसेंस निरस्त हो और ब्लैक लिस्ट किया जाए।
शुक्रवार को लगे नगर निगम के सदन में ठेकेदारों की मनमानी के चलते सर्वदलीय एकता दिखी। पार्षद दलगत राजनीति छोड़ आत्म सम्मान के लिए एकजुट भी नजर आए। बता दें कि सदन में हंगामे के आसार पहले ही देखे जा रहे थे। इसके चलते ही सदन में पुलिस की व्यवस्था के लिए कहा गया था।