शुक्रवार को हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी Kamesh Tiwari की हत्या के बाद शनिवार शाम को सीतापुर Sitapur में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। शव के अंतिम संस्कार के लिए परिवारवालों को मनाने में अफसरों के पसीने छूट गए।
शुक्रवार देर रात कमलेश का शव महमूदाबाद आने के बाद से ही जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारी परिवारवालों से शव के अंतिम संस्कार के लिए मानमनौवल करते रहे। परिवार मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़ा रहा। कमिश्नर लखनऊ मुकेश कुमार मेश्राम और आइजी जोन एसके भगत महमूदाबाद पहुंचे और परिवार की शर्तों को स्वीकार कर लिया।
दोनों अधिकारियों ने रविवार को परिवार की मुलाकात योगी आदित्यनाथ से कराने समेत नौ मांगों के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद परिवार अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हुआ। दोपहर बाद ज्येष्ठ पुत्र सत्यम तिवारी ने मुखाग्नि दी।
अपने बेटे को खो देने वाली कुसुमा देवी ने एक स्थानीय नेता सहित प्रदेश सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि सपा सरकार में कमलेश तिवारी की सुरक्षा अधिक थी। तब डेढ़ दर्जन सुरक्षा कर्मी लगे थे, लेकिन भाजपा सरकार ने सुरक्षा कम कर दी थी। वह भी कमजोर पुलिस कर्मी लगाए गए थे। साथ ही कुसुमा देवी ने स्थानीय भाजपा के पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव कुमार गुप्ता पर भी आरोप लगाया। उनका कहना था रामजानकारी मंदिर ट्रस्ट को लेकर कमलेश का शिव कुमार गुप्ता से विवाद चल रहा था। घटना के पीछे उनका भी हाथ हो सकता है।
कमलेश तिवारी के बेटे सत्यम ने पिता की हत्या के प्रकरण की एनआईए से जांच कराने की मांग की। उसने कहा कि प्रदेश सरकार व पुलिस पर भरोसा नहीं है। हिंदूवादी सरकार में प्रखर हिंदूवादी नेता व उसके पिता कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई। ऐसे में पुलिस व सरकार पर निष्पक्ष जांच व कार्रवाई का भरोसा नहीं है। इसलिए एनआईए से जांच कराई जाए। हालांकि सत्यम् की एनआईए से जांच की मांग मान ली गई है।
