मशहूर शायर और गीतकार डॉ. निर्मल दर्शन Nirmal Darshan का शनिवार को हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर से भी पीड़ित थे। उन्होंने आगरा के राधास्वामी सत्संग भवन में अंतिम सांस ली। उन्होंने देहदान की घोषणा की थी इसलिए उनका पार्थिक शरीर लखनऊ लाया गया। निर्मल की उम्र मात्र 48 साल ही थी और उनके परिवार में उनकी पत्नी के अलावा 4 साल की बेटी भी है।
कैंसर पीड़ित मशहूर शायर और गीतकार डॉ.निर्मल दर्शन का निधन शनिवार को हृदयगति रुक जाने से हो गया। वह बीते आठ महीनों से कैंसर से पीड़ित थे। उनकी अंतिम इच्छा के अनुरूप उन्हें आगरा के राधास्वामी सत्संग भवन ले जाया गया। जहां पहुंच कर उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने अपना देहदान किया था इसलिए उनका पार्थिव शरीर शनिवार रात को ही लखनऊ ले आया गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए विकास नगर, प्रताप नगर स्थित उनके घर में रात से ही उनके परिचित जुटने लगे थे।
कवि सर्वेश अस्थाना ने बताया कि डॉ.निर्मल दर्शन बीते आठ महीनों से कैंसर से जूझ रहे थे। उनका इलाज अहमदाबाद, चेन्नई सहित कई बड़े अस्पतालों में चला। वर्तमान में स्थानीय अपोलो मेडिक्स में डॉ. र्षवर्धन आत्रेय उनका उपचार कर रहे थे। गुरुवार 17 अक्टूबर को डॉ.निर्मल दर्शन ने राधास्वामी भवन आगरा जाने की इच्छा जाहिर की थी। उसी के अनुरूप उन्हें शनिवार शाम चार बजे एम्बुलेंस की सहायता से ले जाया गया। 48 साल के डॉ.निर्मल दर्शन का विवाह 2012 में मोनिका से हुआ था। उनकी चार साल की बेटी केसर उनके परिवार में है। डॉ.निर्मल दर्शन ने मशहूर फिल्मकार मुजफर अली की फिल्म हुस्ने जाना में गीत भी लिखा था।
उनके निधन से साहित्य जगत में शोक व्याप्त हो गया। डॉ. कुमार विश्वास ने भावुक पोस्ट किया कि – “बेहद सरल और भावुक मनुष्य, मेरा प्यारा कवि, छोटा भाई निर्मल दर्शन लखनऊ में कैंसर से जंग हार गया। गले में एक भीगा ज्वार सा अटक गया है। तुम कम जिए निर्मल पर भरपूर जिए, बीमारी से मुस्कुराते हुए लड़े। रो रहा हूं और तुम्हारा गीत गा रहा हूं”
‘मुझको पहले सजा दी गई,
फिर अदालत में लाया गया’