उत्तर प्रदेश के कमलेश तिवारी हत्याकांड Kamlesh Tiwari Murder में जांच एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है। गुजरात एटीएस ने इस मामले के दोनों मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनकी पहचान अशफाक शेख और मोइनुद्दीन पठान के रूप में हुई है। गुजरात एटीएस ने दोनों को राजस्थान सीमा पर श्यामलाजी के पास से गिरफ्तार किया। दोनों आरोपितों ने कमलेश तिवारी की हत्या करने की बात कुबूल कर ली है। दोनों आरोपी सूरत के रहने वाले हैं। दोनों आरोपितों को गुजरात एटीएस जल्द ही यूपी पुलिस को सौंपेगी।
आरोपितों ने कहा कि कमलेश तिवारी ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर बयान दिया था, जिसके चलते उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया। इस मामले की जांच कर रही उत्तर प्रदेश पुलिस की एसआइटी ने दोनों पर 2.5-2.5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। इनके स्केच भी जारी किए थे।गुजरात एटीएस के डीआइजी हिमांशु शुक्ला ने बताया कि दोनों वांछित आरोपितों को अशफाक और मोइनुद्दीन पठान को शामलाजी के पास गुजरात-राजस्थान सीमा से गिरफ्तार किया गया। गुजरात एटीएस को जानकारी थी कि वे गुजरात में प्रवेश करने जा रहे हैं। उसी आधार पर हमने अपनी टीम को सीमा पर तैनात किया और उन्हें पकड़ लिया गया।
इस मामले में नागपुर से गिरफ्तार आरोपित सैयद असीम अली को लखनऊ लाया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। एसआइटी ने इससे पहले और तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था। एसआइटी ने यह भी बताया कि इस मामले में कई अहम सुबूत भी मिले हैं। आरोपियों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। अब तक इस मामले में 200 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है।बता दें कि 18 अक्टूबर को लखनऊ में कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई थी। हिंदू महासभा से जुड़े रहे तिवारी ने हिंदू समाज पार्टी बनाई थी।
हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर को लखनऊ में हत्या की गई थी। हत्यारे सूरत में खरीद गई मिठाई के बॉक्स में हथियार लेकर आए थे, जो आरोपियों को पकड़ने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है। एटीएस व क्राइब ब्रांच ने शुक्रवार मध्यरात्रि फिल्मी स्टाइम में लिबांयत से मुख्य आरोपित राशिद, सईज और फैजान को गिरफ्तार किया था। राशिद खान के लिंबायत इलाके में ग्रीन व्यू सोसायटी में रहता है। वह दर्जी है तथा कंप्यूटर का जानकार है। फैजान पठाण सूरत के लिंबायत इलाके में ही जिलानी पार्क में रहता है तथा साड़ी की दुकान पर काम करता है।