गाजियाबाद में शादी के 13 साल बाद निसंतान दंपती कोमला औलाद का सुख किस्मत ने एकाएक छीन लिया। मासूम भाई-बहन को गोद लिए दो महीने बाद ही उनके असल बाप ने वापस छीन लिया। बच्चे वापस लेने के लिए हत्या का झूठा आरोप लगाया। बच्चे लौटाने के दौरान दंपती आंसू रोक नहीं पाए। यह नजारा देख मौजूद लोगों की भी आंखें नम हो गई। पुलिस ने दंपती को ढांढस बंधाया।
मूलरूप से जिला फिरोजाबाद के सेमरा अतिकाबाद निवासी प्रदीप व सुनीता पति-पत्नी हैं। प्रदीप गांव में ही खेतीबाड़ी करता है। शादी के 13 साल बाद भी संतान प्राप्ति न होने पर उक्त दंपती गोद लेने के लिए काफी समय से बच्चे की तलाश कर रहे थे। बहन कुसुम के जरिये प्रदीप का संपर्क उदलनगर, सिहानी गेट निवासी शीशपाल से हुआ। शीशपाल एमसीडी में कर्मचारी हैं। उनकी पत्नी ने गत 9 जून को बेटी खुशी को जन्म दिया, जबकि तीन साल का बेटा आभास पहले से था। खुद नौकरी करने तथा पत्नी के मानसिक रूप से बीमार होने के कारण शीशपाल दोनों बच्चों को प्रदीप को गोद देने के लिए राजी हो गए। लिखापढ़ी के बाद दोनों मासूम निसंतान दंपती को गोद दे दिए गए।प्रदीप व उसकी पत्नी सुनीता दोनों मासूमों को अपने साथ फिरोजाबाद ले गए और उन्हें अपनी औलाद की तरह पालने लगे। करीब 15 दिन पहले शीशपाल ने प्रदीप की बहन कुसुम पर बच्चे वापस करने का दबाव डालना शुरू कर दिया। विरोध करने पर शीशपाल ने हंगामा काटना शुरू कर दिया।पुलिस के मुताबिक दंपती द्वारा बच्चे वापस करने से इन्कार करने पर शीशपाल ने पुलिस को फर्जी सूचना दे दी कि प्रदीप ने उनकी पत्नी व बेटे की चाकूसे गोदकर हत्या कर दी है। पुलिस पड़ताल में जुटी तो मामला बच्चों के वापस मांगने का निकला।
बात आगे न बढ़े इसके लिए दंपती दोनों बच्चों को लेकर शनिवार को सिहानी गेट थाने पहुंच गया, जहां लिखापढ़ी में दोनों मासूम लौटा दिए। बच्चे कलेजे से दूर होते ही प्रदीप और उसकी पत्नी दहाड़े मारकर रोने लगे।