आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के 15 जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ हरीपर्वत थाना पुलिस ने बलवे की धाराओं में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। मामला 15 सितंबर 2018 को देहली गेट के रेस्तरां में मारपीट और तोड़फोड़ करने का है। पुलिसकर्मियों की भी पिटाई की गई थी। पुलिस ने मौके से 25 जूनियर डॉक्टरों को गिरफ्तार किया था। 15 को जेल भेजा गया था। 10 के खिलाफ शांति भंग की धारा में कार्रवाई की गई थी। इन्हें मुचलके पर रिहा कर दिया गया था।
जेल गए डॉक्टर जमानत पर छूटे थे। इन पर आरोप है कि अशोका बार एवं रेस्टोरेंट के बंद हो जाने के समय के बाद शराब मांगी। नहीं मिलने पर बवाल किया। पुलिस पहुंची तो पुलिसकर्मियों की पिटाई की गई।
पुलिस ने डॉक्टरों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए थे। इनकी कॉल डिटेल और व्हाट्स एप मैसेज की डिटेल भी निकलवाई गई थी। इसकी रिपोर्ट रेस्टोरेंट के मैनेजर शिवाजी ओझा की तहरीर पर दर्ज की गई थी।
इस तरह के बवाल पहले भी हो चुके थे लेकिन यह पहला मौका था जब जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ न केवल मुकदमा दर्ज किया गया था बल्कि जेल भी भेजा गया। हरीपर्वत थाना के प्रभारी निरीक्षक अजय कौशल ने बताया कि जांच पूरी हो गई है। आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया गया है। इस मामले में 17 गवाह हैं।
वरुण निवासी एसएन मेडिकल कॉलेज हॉस्टल), जैतुल (राजवल, बिजनौर ), सचिन (मुजफ्फरनगर), सुधांशु (चांदपुर, बिजनौर), सुनील (मरपत गेट, प्रयागराज), कुलकेश (बसंतपुर संभल), कृष्णकांत (फिरोजाबाद), आयुष कुमार और तुषार (मोती कटरा, आगरा), अभिजीत, प्रत्यूष मिश्रा, अमित गौड़, श्यामेंद्र पाठक, रीतेश, पवन कुमार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हुआ है।