अयाेध्या मामले में सुप्रीम काेर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद मुस्लिम समाज ने बेहद सकारात्मक पहल की है। बारावफात के मौके पर आगरा शहर में रविवार को निकलने वाले जुलूस समेत विभिन्न कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है।
बारावफात (ईद-मिलादुन्नबी) रविवार को मनाई जाएगी। मुस्लिम संगठनों ने शहर के अमनोअमान को कायम रखने के लिए शाही जामा मस्जिद और न्यू आगरा करबला से निकाले जाने वाले मुख्य जुलूस को नहीं निकालने का फैसला लिया है। वहीं दो संगठनों ने जुलूस निकाले जाने की जानकारी दी है।
उत्तर प्रदेश सर्वदलीय मुस्लिम एक्शन कमेटी की मंटोला में आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि इस बार शाही जामा मस्जिद से बारावफात पर जुलूस को नहीं निकाला जाएगा। वहीं पूरे शहर में त्योहार पर घरों में रोशनी, मीलाद शरीफ, कुरान ख्वानी और लंगर के कार्यक्रम किए जाएंगे।
प्रांतीय अध्यक्ष बिलाल कुरैशी ने बताया कि जुलूस नहीं निकाले जाने का कारण यह है कि जुलूस की आड़ में कोई असामाजिक तत्व माहौल को खराब नहीं कर दे। कमेटी के प्रवक्ता अदनान कुरैशी ने बताया कि दोपहर को 1.30 बजे जौहर की नमाज शाही जामा मस्जिद में अदा करके अमन की दुआ मांगी जाएगी।
इसी तरह न्यू आगरा करबला से निकाले जाने वाले जुलूस के संयोजक हाजी अबरार हुसैन ने बताया कि बैठक में फैसला होने के बाद वह भी जुलूस नहीं निकालेंगे। इसकी जगह करबला से अबु उलाह की दरगाह तक चादरपोशी करने पहुंचेंगे।
बैठक में मोहम्मद शरीफ काले, हाजी जमीलउद्दीन कुरैशी, समी आगाई, इरफान सलीम, बाबा फरीद, असलम शेख, हाजी मंजूर, हाजी मल्लो, छिंगा पहलवान, जफर कुरैशी, मोहम्मद शहजाद, खलील कुरैशी, शकील, नसीम खातून, हाजी चंदा, नईम सेठ, मोहीउद्दीन कुरैशी, जिलानी कुरैशी, पठान, जमीर कुरैशी, अब्दुल सत्तार, अमजद कुरैशी आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता हाजी असलम कुरैशी ने की।