अयोध्या केस में ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच का हिस्सा रहे जस्टिस अब्दुल नजीर और उनके परिवार के लोगों को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। अतिवादी संगठन पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI की ओर से जान का खतरा होने की आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है। गृह मंत्रालय की ओर से सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस को जस्टिस नजीर और उनके परिवार की सुरक्षा पुख्ता करने के आदेश दिए गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों को केरल में सक्रिय पीएफआई और कुछ अन्य कट्टरपंथी संगठनों की ओर से खतरे का इनपुट मिला था। कर्नाटक के रहने वाले जस्टिस अब्दुल नजीर और उनकी फैमिली को उनके गृह राज्य समेत देशभर में जेड सिक्यॉरिटी कवर देने का आदेश जारी किया गया है।
आदेश के मुताबिक कर्नाटक सरकार की ओर से नजीर और उनके परिवार को बेंगलुरु, मंगलुरू और राज्य के अन्य हिस्सों में सुरक्षा दी जाएगी। आपको बता दें कि जेड सिक्यॉरिटी के तहत मिलने वाले सुरक्षा दस्ते में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के 22 जवान शामिल होते हैं। 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दशकों से चल रहे अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला देते हुए 2.77 एकड़ विवादित भूमि राम मंदिर निर्माण के लिए दिए जाने का आदेश दिया था।
इसके अलावा 5 एकड़ भूमि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही कहीं और दिए जाने का आदेश दिया गया है। हालांकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आज ही अपनी एक बैठक के बाद सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का ऐलान किया है।