राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर शनिवार को राजधानी दिल्ली में प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने एक कार्यक्रम का आयोजन किय़ा. इस अवसर पर पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पत्रकारों को सम्मनित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भाग लिया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर और प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति चंद्रमौलि प्रसाद सहित पत्रकारिता जगत के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना की गई थी। इस मौके पर पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले पत्रकारों को सम्मानित किया गया,राजस्थान पत्रिका के चेयरमैन गुलाब कोठारी को राजा राम मोहन राय पुरस्कार दिया गया । इसके साथ ही पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने वाले 9 अन्य पत्रकारों भी विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया। प्रेस दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. विषय था रिपोर्टिंग- व्याख्या; एक यात्रा. इस अवसर पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि समाचारों को देते समय न्यूज और व्यूज के अंतर को समझाना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रेस को अपने कर्तव्य निवर्हन के दौरान राष्ट्रीय सम्प्रभुता, सुरक्षा और एकता को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज़ादी के आन्दोलन में मीडिया ने अहम भूमिका निभाई थी,लेकिन आपातकाल में कुछ प्रेस झुक गए. लेकिन रामनाथ गोयनका जी ने प्रेस की आज़ादी की आवाज़ उठाई।
सूचना और प्रसारण मंत्री ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर मीडिया को बधाई देते हुये कहा कि फेक न्यूज पेड न्यूज से ज्यादा घातक है, उन्होंने कहा कि खबरों को देते समय फेक न्यूज के प्रति पूरी तरह सजगता रहनी चाहिए।
इस मौके पर उत्कृष्ट पत्रकारिता का राजाराम मोहन राय पुरस्कार से पुरस्कृत गुलाब कोठारी ने कहा कि समाज और देश निर्माण में पत्रकारिता का अहम योगदान है।
प्रेस के कार्यों पर नजर रखने और उसकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिये प्रथम प्रेस आयोग ने एक अधिकार पूर्ण परषद के गठन की सिफारिश की थी. जिसके आधार पर 16 नवंबर, 1966 को भारतीय प्रेस परिषद का गठन किया गया।
भारतीय़ प्रेस परिषद दायितव के साथ स्वतंत्रता के सिद्धांत का अनुसरण करता है और ऐसे संस्थानों और पत्रकारों को प्रोत्साहित करता है जो निडर होकर सक्रिय रूप से निष्पक्ष सूचना देते हैं और समाज को जागरूक भी करते हैं।