हिमाचल प्रदेश के मनाली में रोहतांग पास को एक बार फिर से बहाल कर दिया गया है। हालांकि, दर्रा बहाल होने से भी परेशानी कम नहीं हुई है, क्योंकि 13 हजार फीट की ऊंचाई पर रोहतांग दर्रे पर तेज हवाएं चलते से बर्फ उड़कर हाईवे पर आ रही है और इससे परेशानी हो रही है। भारी बर्फबारी के सात दिन बाद बुधवार दोपहर रोहतांग दर्रा होकर 40 वाहन मनाली पहुंचे हैं। वन वे की वजह से पहले लाहौल के कोकसर से 49 वाहनों को मनाली के लिए भेजा गया।लेकिन कोकसर से आठ किलोमीटर आगे डोहरानी मोड़ पर पानी जमने से गाड़ियां नहीं चढ़ सकीं।मनाली प्रशासन ने बताया कि बुधवार को कुल्लू से लाहौल की ओर वाहन जाने को मंजूरी दी गई थी. वहीं, 21 नवंबर को लाहौल से कुल्लू की ओर वाहन जाएंगे. मनाली एसडीएम ने मंगलवार को मढ़ी तक हाईवे का जायजा लिया था।
वाहन चालकों और बचाव चौकी के सदस्यों को वाहनों को निकालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।रोहतांग से पीछे लाहौल की तरफ फिसलन होने से तीन वाहन केलांग लौटे जबकि छह गाड़ियां डोहरानी से ही लौट गईं। अन्य वाहनों को रेस्क्यू टीम और वाहन चालकों ने मिलकर बर्फ पर मिट्टी डालकर बारी-बारी निकाला और रोहतांग पहुंचाया।
रोहतांग दर्रा बुधवार सुबह वाहनों के लिए बहाल हो गया। पर दोपहर बाद बर्फीला तूफान आने से वहां करीब 20 वाहन फंस गए। चिंता इस बात की है कि खराब मौसम के चलते अगर बर्फबारी शुरू हो गई तो इन फंसे लोगों को रेस्क्यू करना मुशिकल हो जाएगा। बीआरओ और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्कयू आॅपरेशन शुरू किया और चार घंटे की मशक्कत के बाद इन वाहनों को निकाला।
वाहनों को दर्रा पार कराने के लिए बीआरओ ने जेसीबी भी तैनात की थी। बचाव दल के सदस्य बीर सिंह ने बताया कि रोहतांग से आगे राहनीनाला मोड़ तक रात को बर्फीली हवा चलने से बर्फ के ढेर सड़क पर लग गए।बीआरओ की जेसीबी और स्नो कटर से इस बर्फ को हटाया गया। बचाव चौकी के प्रभारी पवन ठाकुर ने बताया कि दोपहर में मौसम साफ होने पर कोकसर से कुल 49 वाहनों को मनाली की ओर भेजा गया था लेकिन इनमें नौ वाहन आगे नहीं बढ़ पाए।
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के 12 में से आठ जिलों में शुक्रवार को गरज के साथ भारी बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान जताया है।