लोकसभा Loksabha में एसपीजी संशोधन बिल SPG Amendment Bill ध्वनिमत से पास हुआ है। यहां गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘चंद्रशेखर जी की सुरक्षा ले ली गई कोई कांग्रेस कार्यकर्ता कुछ नहीं बोला, नरसिम्हरा राव की सुरक्षा चली गई, किसी ने चिंता नहीं दिखाई। आईके गुजराल की सुरक्षा हत्या के धमकी के बाद ली गई। चिंता किसकी है, देश के नेतृत्व की या एक परिवार की?’
इस दौरान कांग्रेस ने सदन से वॉक आउट कर दिया। इस बिल को पास करने के दौरान विशेष सुरक्षा समूह कानून में संशोधन को आवश्यक करार देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक लाने का मकसद एसपीजी और प्रभावी बनाना और कानून के मूल उद्देश्य को बहाल करना है। विशेष सुरक्षा समूह एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिये रखते हुए शाह ने कहा कि एसपीजी का गठन प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए किया गया था और दुनिया के कई देशों में उनके शासनाध्यक्षों की सुरक्षा के मकसद से ऐसे ही विशिष्ट सुरक्षा इकाई बनाई गई हैं । गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक को लाने का मकसद एसपीजी को और प्रभावी बनाना है और यह देखना है कि उसके काम में किसी भी तरह की कोई कोताही न हो। उन्होंने कहा कि इसका मकसद कानून के मूल उद्देश्य को बहाल करना है । अतीत में सरकारों ने कई बार कानून में संशोधन किया।
गृह मंत्री ने लोकसभा में कहा कि मैं विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम में संशोधन के साथ यहां आया हूं। संशोधन के बाद, इस अधिनियम के तहत, एसपीजी सुरक्षा केवल वर्तमान प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों को दिया जाएगा जो प्रधानमंत्री के निवास पर उनके साथ आधिकारिक तौर पर रहते हैं।
उन्होंने कहा कि साथ ही कोई पूर्व प्रधानमंत्री और उनका परिवार जो सरकार द्वारा आवंटित आवास पर रहते हैं, उन्हें भी पांच साल की अवधि तक एसपीजी सुरक्षा प्राप्त होगी।

गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा के इस कवर के लिए ‘स्पेशल’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यह आदर्श रूप से प्रधानमंत्री के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शारीरिक सुरक्षा नहीं है। बल्कि उनके विभाग, स्वास्थ्य और अन्य लोगों के बीच संचार को भी सुरक्षा देना होता है।