उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बिजनौर ( Bijnore) जिले की चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट कोर्ट (Chief Judicial Magistrate Court) में फायरिंग से हड़कंप मच गया। इस दौरान बीएसपी नेता की हत्या के आरोपी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह पूरी वारदात उस वक्त हुई, जब सीजेएम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी। सीजेएम (Chief Judicial Magistrate ) योगेश कुमार इस फायरिंग में बाल-बाल बच गए। वारदात के बाद कोर्ट परिसर के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। इस बीच पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
बिजनौर सीजेएम कोर्ट में मंगलवार दोपहर सब कुछ ठीक चल रहा था। कोर्ट रूम में हत्या के आरोपी शाहनवाज के मामले की सुनवाई चल रही थी। शाहनवाज पर बीएसपी नेता अहसान अहमद और उनके भांजे की हत्या का आरोप है। इसी दौरान अचानक गोलियों की आवाज से कोर्ट रूम में अफरा-तफरी मच गई। लोग इधर-उधर अपनी जान के लिए भागने लगे। बदमाशों ने आरोपी शाहनवाज को कोर्ट के अंदर गोलियों से छलनी कर दिया। कोर्ट के अंदर ताबड़तोड़ 25 से 26 राउंड गोलियां चलाई गईं।
एसपी संजीव त्यागी ने बताया, ‘अहसान का बेटा साहिल अपने दो साथियों के साथ कोर्ट में पहुंचा और शाहनवाज व जब्बार को निशाना बनाते हुए फायरिंग शुरू कर दी। शहनवाज को कई गोलियां लगीं और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हेड मोहर्रिर मनीष भी गोली लगने से घायल हो गया। अफरा-तफरी के बीच पुलिस ने साहिल सहित तीनों को कोर्ट रूम में बंद कर दिया और चारों तरफ से कोर्ट को घेर लिया। घायल हेड मोहर्रिर को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’
बताया जा रहा है कि दुस्साहसिक वारदात के दौरान जज के सामने ही दरवाजा बंद करके पेशी पर आए आरोपी शाहनवाज की हत्या को अंजाम दिया गया। बता दें कि शाहनवाज की गिनती मऊ से बाहुबली बीएसपी विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी के तौर पर भी होती थी।
बिजनौर में इसी साल 28 मई को बीएसपी नेता हाजी एहसान और उनके भांजे शादाब की उनके दफ्तर में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बाइक पर सवार तीन युवक हाथ में मिठाई का डिब्बा लेकर आए थे, जिसमें हथियार चिपा हुआ था। वारदात से पहले युवकों ने अंदर जाकर पूछा था कि हाजी एहसान कौन हैं और डिब्बे में से पिस्टल निकालकर दोनों पर गोलियां बरसा दी थीं। अहसान प्रॉपर्टी डीलर का भी काम करते थे।