कर्नाटक के Pejavara Mutt पेजावर मठ के प्रमुख Vishwesha Teertha Swami विश्वेश तीर्थ स्वामी का रविवार सुबह Udupi उडुपी में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार विश्वेश तीर्थ स्वामी को 20 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां शनिवार को उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी। उडुपी के कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती विश्वेश तीर्थ स्वामी को उनकी इच्छा के अनुरूप श्री कृष्णा मठ में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां चिकित्सकों की टीम उनका इलाज कर रही थी। इलाज के बीच ही सुबह करीब 9 बजे श्री कृष्णा मठ में विश्वेश तीर्थ स्वामी का निधन हो गया।
विश्वतीर्थ स्वामीजी का जन्म 27 अप्रैल 1931 को हुआ था। वे रामकुंजा में एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे। उनका प्रारंभिक नाम वेंकटरामा था। उन्होंने 8 वर्ष की उम्र में यानी 1938 में करीब 7 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था। उनके विद्या गुरु श्री भंडारखेड़ी मठ के श्री विद्यामैन्य तीर्थरू थे। वे 1954 से यानी करीब 7 दशक से इस मठ के प्रमुख थे।
सांस लेने में तकलीफ होने पर 20 दिसंबर को विश्वेस तीर्थ स्वामी को उडुपी के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद से उन्हें आईसीयू में रखकर उनका इलाज किया जा रहा था। शनिवार से ही उनका हाल जानने के किए तमाम लोग मठ पहुंच रहे थे।
स्वामी विश्वेश तीर्थ के निधन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है। पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘पेजावर मठ के विश्वेश तीर्थ स्वामी जी हमेशा एक प्रेरणास्रोत की तरह लाखों लोगों के दिल में रहेंगे। वह धार्मिक सेवा के एक ऊर्जास्रोत के तरह थे, जिन्होंने लगातार समाज के लिए काम किया। मैंने कई मौकों पर उनसे बहुत कुछ सीखा है। मैंने हाल ही में गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर उनसे मुलाकात की थी। उनका अद्भुत ज्ञान हमेशा मेरे साथ रहा है। मेरी संवेदनाएं उनके अनुयायियों के साथ हैं।’
कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा ने विश्वेश तीर्थ स्वामी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। बीएस येदियुरप्पा ने अपने शोक संदेश में लिखा, ‘भगवान कृष्ण उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। मैं प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर उनके भक्तों को इस दुख से निकलने की शक्ति प्रदान करें।’शनिवार को कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा और रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने मठ पहुंचकर विश्वेश तीर्थ स्वामी का हालचाल लिया था। 1992 में स्वामी विश्वेस तीर्थ से दीक्षा लेने वाली उमा भारती एक सप्ताह से ही उडुपी में मौजूद हैं और वह लगातार स्वामी विश्वेश तीर्थ का हालचाल ले रही थीं।