Karnataka कर्नाटक के Udupi उडुपी में स्थित श्री पेजावर मठ Pejavara Mutt के प्रमुख स्वामी विश्वेशतीर्थ Seer Vishwesha Teertha Swami 70 के दशक से इस मठ के प्रमुख थे। 1931 में एक दक्षिण भारतीय ब्राह्मण परिवार में जन्मे पेजावर स्वामी का जन्म नाम वेंकटरामा था। 7 साल की उम्र में ही उन्होंने सांसारिक जीवन से संन्यास ले लिया था। देश-दुनिया में उनके करोड़ों अनुयायी हैं। पेजावर मठ दक्षिण भारत के सबसे प्रतिष्ठित मठों में से एक है। दक्षिण भारत में तो इस मठ की मान्यता है, साथ ही उत्तर भारत में भी इस मठ के भक्तों की कमी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पेजावर स्वामी के भक्तों में से एक हैं। भाजपा नेता उमा भारती ने पेजावर स्वामी से दीक्षा ली थी।
रविवार, 29 दिसंबर को विश्वेशतीर्थ स्वामीजी का निधन हो गया है। वे पेजावर मठ के प्रमुख थे।विश्वेशतीर्थ स्वामी पेजावर मठ के 32वें महंत थे, इनके बाद विश्वप्रसन्ना तीर्थ इस मठ के 33वें प्रमुख होंगे। पेजावर मठ उडुपी के अष्ट मठों में से एक है। इसे श्री अधोक्षजा तीर्थ ने शुरू किया था। श्रीअधोक्षजा तीर्थ का कार्यकाल 1278 से 1296 तक था। अधोक्षजाजी हिंदू दर्शन विद्यालय के संस्थापक श्री माधवाचार्य के प्रमुख शिष्य थे। पेजावर मठ के अब तक 32 मठाधीश हो चुके हैं। विश्वतीर्थ स्वमीजी 32वें पीठाधीश्वर थे। विश्वतीर्थजी ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में विश्वप्रसन्ना तीर्थ को चुना था, वे इस मठ के 33वें पीठाधीश्वर होंगे। ये मठ दक्षिण भारत के प्रमुख मठों में से एक है। यहां स्वामी माधवाचार्य की संत परंपरा में श्रीकृष्ण के विट्ठल स्वरूप की पूजा होती है।
विश्वेशतीर्थ स्वामीजी श्रीकृष्ण के परम भक्त थे। उन्होंने उडुपी में भगवान श्रीकृष्ण भक्ति से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए थे। इनके मार्गदर्शन में उडुपी में अखिल भारतीय माधव सम्मेलन हुआ था। स्वामीजी के मठ प्रमुख के रूप में पांच कार्यकाल हो चुके थे। स्वामीजी ने अपने मठ के माध्यम से कई सामाजिक आयोजन संचालित किए हैं। कई संस्थाएं बनाई हैं जो जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं।